ग्रेटर नोएडा। ड्रग्स फैक्ट्री मामले में बेहद चौंकाने वाली जानकारी प्रकाश में आई है। सूत्रों ने दावा किया है कि दो अलग-अलग सेक्टरों में ड्रग्स फैक्ट्री चलाने वाले 13 विदेशी आरोपितों ने ड्रग्स का धंधा देश विदेश में फैलाने के लिए चार साल में 283 विदेशी सिम का प्रयोग किया। यह सभी सिम नाइजीरिया की थीं। इसी से ड्रग सप्लाई करने के लिए अलग-अलग लोगों को फोन किया गया।
चार साल में विदेशी आरोपितों ने एक भी भारतीय नंबर से कॉल नहीं की। भारत में रहकर यहां के नंबर का प्रयोग नहीं करने के पीछे भी आरोपितों की एक योजना थी। उनको आशंका थी कि यदि पुलिस उन तक पहुंचती है तो भारतीय नंबर का सीडीआर (कॉल डिटेल रिकार्ड) आसानी से पुलिस को मिल जाएगा। पुलिस उस आधार पर जांच में उन पर शिकंजा कस सकती है।
चार साल में आरोपितों ने नाइजीरिया के 283 सिम से यूरोप, कैलीफोर्निया, कनाडा, अफागनिस्तान, अफ्रीका, मुंबई, गोवा, गुजरात, सोनीपत, दिल्ली और पंजाब के अलग-अलग नंबरों पर सात हजार से अधिक फोन कॉल की हैं। पुलिस सभी फोन कॉल को बारीकी से खंगाल रही है। पुलिस को आशंका है कि कॉल डिटेल खंगालने पर रैकेट से जुड़े कई अन्य आरोपितों को पकड़ा जा सकता है।
दरअसल, ड्रग्स फैक्ट्री चलाने वाले आरोपितों को खुफिया जांच एजेंसियों ने भी पूछताछ की है। आरोपित बेहद शातिर है, पुलिस के हर सवाल पर कह देते है कि आइ एम इनोसेंट। पुलिस ने भी आरोपितों के पैंतरे से निपटने के लिए तकनीकी जांच का सहारा लेना शुरू कर दिया है, जिससे कि कोर्ट में आरोपितों के खिलाफ मजबूत पैरवी की जा सके। जांच में साइबर विशेषज्ञ को भी शामिल किया गया है।
मेरा कोई नाम नहीं है
गौतमबुद्धनगर में इन दिनों विदेशी नागरिकों के सत्यापन का अभियान चल रहा है। इस अभियान में पकड़े जा रहे आरोपित पुलिस को जमकर छका रहे है। मेडिकल के लिए जब विदेशी नागरिकों को ले जाया जाता है कि वह डाक्टर को नाम नहीं बताते और कहते है कि (नो नेम) मेरा कोई नाम नहीं है।
यह है मामला
ग्रेटर नोएडा के सेक्टर थीटा दो स्थित तीन मंजिला मकान में चल रही अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स फैक्ट्री का पुलिस ने 16 मई की रात भंडाफोड़ किया था। मौके से अफ्रीकी मूल के दस आरोपितों अनुडुम इमैनुएल, अजोकू उबाका, डेनियल अजूह, ड्रामेमोंड, लीवी जू, जैकेब एमिली, कोफी, चिडी जीयागवा, जोकू लेची को गिरफ्तार किया गया था। सभी नाइजीरिया के रहने वाले हैं। आरोपितों के कब्जे से 300 करोड़ की कीमत की 46 किलोग्राम ड्रग्स बरामद की गई थी।
आरोपित चिडी को पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया गया। उसकी निशानदेही पर 30 मई को पुलिस ने ओमेगा सेक्टर स्थित मित्रा सोसायटी में संचालित दूसरी ड्रग्स फैक्ट्री का भंडाफोड़ कर 200 करोड़ की कीमत की 30 किलोग्राम ड्रग्स बरामद की और तीन विदेशी नागरिक सिमन, केसिना रेमी, ईग्वे सोलोमोन को गिरफ्तार किया। यह तीनों भी नाइजीरिया के रहने वाले है। अब तक कुल 500 करोड़ की 76 किलोग्राम ड्रग्स पकड़ी जा चुकी है।