सबसे विध्वंस मानी जाने वाली सुपर सोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस का निर्माण लखनऊ में शुरू होने के बाद भारत की सामरिक क्षमता में बढ़ोतरी होगी. 11 मई से लखनऊ में ब्रह्मोस मिसाइल का निर्माण शुरू होगा. ब्रह्मोस मिसाइल के निर्माण के लिए 80 हेक्टेयर भूमि निशुल्क उपलब्ध कराई गई है. इसकी स्थापना में कुल 300 करोड़ रुपये की लागत आई है. आत्मनिर्भर भारत की दिशा में यह एक बड़ी उपलब्धि होगी.
पाकिस्तान के साथ तनाव के बीच भारत अपनी सामरिक क्षमता को बढ़ावा देने जा रहा है. अब दुनिया की सबसे विध्वंसक मानी जाने वाली सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ‘ब्रह्मोस’ का निर्माण उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में होगा. प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के लखनऊ नोड पर 11 मई को ब्रह्मोस मिसाइल निर्माण यूनिट का उद्घाटन करेंगे. इस यूनिट का निर्माण ब्रह्मोस एयरोस्पेस की ओर से किया जा रहा है, जो कि 300 करोड़ के निवेश से तैयार हुई है.
ब्रह्मोस मिसाइल निर्माण यूनिट
ब्रह्मोस मिसाइल निर्माण यूनिट प्लांट भारत को आत्मनिर्भर रक्षा प्रणाली की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि होने वाला है. लखनऊ नोड पर ब्रह्मोस के साथ ही अन्य रक्षा उपकरणों का निर्माण किया जाएगा. ब्रह्मोस मिसाइल का ये प्लांट राज्य का पहला अत्याधुनिक और हाईटेक प्लांट होगा. इससे उत्तर प्रदेश के रक्षा औद्योगिक गलियारे में एयरोस्पेस से जुड़ी इकाइयों और उद्योगों का विकास भी होगा, इस प्लांट में करीब 500 इंजिनियारों और तकनीशियनों को सीधे काम मिलेगा.
फ्री आवंटित की गई थी 80 हेक्टयर जमीन
इसके अलावा कई हजार कुशल अर्ध कुशल और सामान्य काम करने वाले लोगों को भी परोक्ष रूप से रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे. ब्रह्मोस एयरोस्पेस की स्थापना भारत की ओर से 50.5 प्रतिशत और रूस की ओर से 49.5 प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ की गई थी. योगी सरकार ने दिसंबर 2021 में ब्रह्मोस प्रोजेक्ट के लिए लखनऊ में 80 हेक्टेयर जमीन फ्री आवंटित की थी. सिर्फ 3.5 सालों में इस परियोजना को निर्माण से उत्पादन की अवस्था तक लाना प्रदेश सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शा रहा है.