जेवर। उच्चाधिकारियों के आदेश पर कोतवाली पुलिस ने शनिवार को चार करोड का भूमि घोटाला करने का प्रयास करने के आरोप में हल्का लेखपाल, तीन अधिवक्ताओं व अन्य के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
कोतवाली प्रभारी निरीक्षक मनोज सिंह चौहान ने बताया कि तहसील जेवर में कार्यरत राजस्व निरीक्षक नरेश कुमार सिंह ने पुलिस को तहरीर देते हुये आरोप लगाया कि रबूपुरा स्थित भूमि खाता संख्या 93 गाटा संख्या 1495 जिसका क्षेत्रफल 1.388हे. है। जिसमें ओमवती पत्नी सौराज का नाम राजस्व अभिलेखों में दर्ज है।
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उक्त भूमि को आपसी सहमति के आधार पर पंजीकृत विक्रय विलेख के माध्यम से यमुना प्राधिकरण के पक्ष में विक्रय किये जाने के लिये प्राधिकरण में पत्रावती प्रस्तुत की गई। प्राधिकरण द्वारा 17अगस्त2022 को उक्त भूमि के कास्तकारों की हिस्सेवार जांच के लिये तहसीलदार जेवर से मांग की गई थी।
तहसीलदार द्वारा राजस्व निरीक्षक व क्षेत्रीय लेखपाल से पत्रावली की आख्या देने का निर्देश दिया गया था। क्षेत्रीय लेखपाल धीरेंद्र कुमार द्वारा प्रश्नगत गाटा नम्बर के खातेदार भू स्वामी ओमवती पत्नी सौराज निवासी किला का सत्यापन करते हुये पत्रावली पर्यवेक्षणीय अधिकारियों के माध्यम से 25जनवरी2023 को पत्रावती यमुना प्राधिकरण को प्रेषित कर दी गई।
यमुना प्राधिकरण द्वारा 27मार्च 2023 को एक समाचार पत्र के माध्यम से उक्त गाटा नम्बर की भूमि को आपसी सहमति के आधार पर प्राधिकरण के पक्ष में क्रय किये जाने के लिये भू स्वामी के सम्पूर्ण विवरण के साथ प्रकाशित किया। प्रकाशन के बाद भूमि की मूल मालिक ओमवती ने यमुना प्राधिकरण के कार्यालय में आरोप लगाया कि उसने अपनी जमीन के सम्बन्धित कोई पत्रावली प्रस्तुत नहीं की है।
जांच के बाद 28 मार्च2023 को तहसीलदार जेवर ने यमना प्राधिकरण को पत्र लिखकर प्रतिकर के भुगतान पर रोक लगाने का अनुरोध किया था तथा प्रकरण की गंभीरता व संवेदनशीलता के दृष्टिगत क्षेत्रीय लेखपाल धीरेंद्र कुमार को उक्त गाटा नम्बर के वास्तविक भू स्वामी ओमवती निवासी किला के गलत तरीके से भौतिक सत्यापन किये जाने व त्रुटिपूर्ण तथ्यों से परे आख्या दिये जाने के सम्बंध में स्पष्टीकरण का पत्र निर्गत किया गया।
लेखपाल द्वारा प्रस्तुत किये गये तथ्य संतोषजनक नहीं होने के कारण तहसीलदार द्वारा 1अप्रेल को उपजिलाधिकारी जेवर को आख्या प्रस्तुत की गई। उपजिलाधिकारी जेवर ने प्रकरण को गंभीरता से लेते हुये क्षेत्रीय लेखपाल धीरेंद्र के विरूद्ध विभागीय कार्यवाही करते हुये नायब तहसीलदार को जांच सौंप दी। नायब तहसीलदार द्वारा 3अप्रेल को लेखपाल के खिलाफ आरोप पत्र निर्गत किया गया।
उपजिलाधिकारी ने उक्त भूमि की पत्रावली अभलेखीय साक्ष्यों के साथ प्रस्तुत करने की जांच करने पर कूटरचना कर मूल स्वामी का फर्जी आधार कार्ड, फोटो, सीएससी बैंक आशोक विहार दिल्ली ब्रांच की पासबुक की कापी आदि अभिलेखीय साक्ष्य प्रस्तुत करने तथा अभिलेखागार कलेक्ट्रेट से भूमि की नकल प्राप्त करने के आवेदन पर एडवोकेट देवेंद्र कुमार के हस्ताक्षर व मोहर तथा पत्रावली के साथ शपथ पत्र को एडवोकेट बलराम सिंह के हस्ताक्षर व नोटेरी करने विनोद कुमार एडवोकेट निवासी मंगरौली द्वारा तहसील जेवर राजस्व लिपिक से अपने हस्ताक्षर कर भूमि की पत्रावली को लेना पाया गया।
प्रकरण में विभिन्न व्यक्तियों द्वारा दुरभिसंधि करके छल व कपट एवं फर्जीवाडा कर यमुना प्राधिकरण से लगभग चार करोड रूपये हडपने का प्रयास करने का आरोप लगाया गया है। कोतवाली पुलिस ने फर्जीवाडा करने के आरोप में लेखपाल धीरेंद्र कुमार, एडवोकेट बलराम सिंह व देवेंद्र कुमार, विनोद कुमार, प्रबंधक सीएसबी बैंक व अन्य अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।