मेरठ। युवक की मौत के बाद जान बूझकर दो माह तक मुकदमा नहीं लिखने के प्रकरण में बुलंदशहर एसएसपी के पीआरओ इंस्पेक्टर मोहम्मद असलम के खिलाफ गाजियाबाद में मुकदमा दर्ज किया गया है।
यह है मामला
गाजियाबाद के युवक को छेड़छाड़ के आरोप में नोएडा के बिसरक थाना पुलिस ने हिरासत में लिया था। पुलिस ने पूछताछ के बाद उसे छोड़ दिया। थाने से घर लौटते समय गाजियाबाद के कवि नगर थानाक्षेत्र में हुए हादसे में युवक की मौत हो गई थी। स्वजन ने बिसरक थाना पुलिस के खिलाफ कविनगर थाने में युवक की हत्या की तहरीर दी। उस समय थाना प्रभारी इंस्पेक्टर मो. असलम थे, जो अब एसएसपी बुलंदशहर के पीआरओ हैं। मो. असलम मेरठ के मेडिकल और लिसाड़ी गेट थाने के प्रभारी भी रह चुके हैं। ,
दो महीने तक दर्ज नहीं किया मुकदमा
तत्कालीन थाना प्रभारी असलम ने दो महीने तक मुकदमा दर्ज नहीं किया। पीड़ित पक्ष मानवाधिकार आयोग पहुंच गया। मानवाधिकार आयोग ने सीबीसीआइडी मेरठ यूनिट को मामले की जांच के निर्देश दिए। सीबीसीआइडी इंस्पेक्टर अजय यादव ने जांच में इंस्पेक्टर असलम को दोषी पाया। इसके बाद हादसे का मुकदमा लिखा गया, जिसमें पुलिस ने जांच के बाद फाइनल रिपोर्ट लगा दी। अब मो. असलम के खिलाफ गाजियाबाद के कवि नगर थाने में 166 आइपीसी (किसी को चोट पहुंचाने के इरादे से कानून का उल्लंघन) में मुकदमा दर्ज करा दिया है।
इन्होंने कहा
मानवाधिकार आयोग की तरफ से सीबीसीआइडी को इंस्पेक्टर मो. असलम की जांच का आदेश मिला था। जांच में सामने आया कि इंस्पेक्टर ने जान बूझकर दो महीने तक मुकदमा लिखने में देरी की। इस पर इंस्पेक्टर के खिलाफ कविनगर थाने में मुकदमा दर्ज करा दिया।
-अलका सिंह, एसपी सीबीसीआइडी