जहां लगातार सरकार विकास का डुगडुगी बजा रही है। वही स्वास्थ्य व्यवस्था का बदहाल स्थिति काफी कुछ कह रहा है। स्वास्थ्य मंत्री पन्ना गुप्ता की बात की जाए तो हमेशा अपने बयानों से सुर्खियों में रहते हैं। वहीं स्वास्थ्य व्यवस्था काफी चरमर आया हुआ है। झारखंड के गिरिडीह जिला, देवघर जिला, जामताड़ा जिला, पाकुड़ जिला, झारखंड के मिनी राजधानी कहे जाने वाला दुमका जिला की अगर बात की जाए तो चाहे वह सदर अस्पताल हो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हो ऐसे सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों का हालात काफी बद से बदतर हो चुका है। चाहे डॉक्टर की बात हो, तालों में दवाइयों की बात हो, सेवा के नाम पर सब कुछ नदारद है।
वही इन सभी जिलों में फर्जी चिकित्सकों के बल पर स्वास्थ्य व्यवस्था का संचालन हो रहा है। सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में अगर ग्रामीण चिकित्सक ना हो तो, लोग तो जान बचाना मुश्किल हो जाएगा, वहीं झारखंड सरकार में बड़े-बड़े लंबे-लंबे बात करने वाले स्वास्थ्य मंत्री स्वास्थ्य व्यवस्था पर कभी भी ध्यान देने का जरूरत नहीं समझते हैं।
आए दिन बड़े बड़े अस्पताल और नर्सिंग होम खुल रहे हैं। बड़े-बड़े डॉक्टरों का नेमप्लेट भी लगाया जाता है। अगर सेवा का बात किया जाए तो अनुभव के आधार पर इन अस्पतालों में चिकित्सक मरीजों का इलाज करते हैं। मरीजों का जान जा सकती है। लेकिन पदाधिकारियों का जेल गर्म होता रहता है। और कागज का घोड़ा दौड़ता रहता है।