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प्रदेश के अपर मुख्य सचिव व एसएसपी मुजफ्फरनगर को अवमानना नोटिस जारी

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कोर्ट आदेश के बावजूद आरक्षी को सेवा में बहाल न करने का मामला

प्रयागराज 6 अगस्त।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आज प्रदेश के अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी तथा मुजफ्फरनगर के एसएसपी विनीत जयसवाल को अवमानना नोटिस जारी की है। हाईकोर्ट ने दोनों अधिकारियों को नोटिस जारी कर कहा है कि क्यों न हाईकोर्ट के आदेश का अनुपालन न करने पर उन्हें दंडित किया जाए। कोर्ट ने नोटिस जारी कर दोनों अधिकारियों से जवाब मांगा है। मामला एक आरक्षी को सेवा में बहाल न करने का है।

यह आदेश जस्टिस प्रकाश पाडिया ने विनोद कुमार त्यागी वह उसके परिजनों की अवमानना याचिका पर दिया है। याचिकाकर्ताओं के वरिष्ठ अधिवक्ता विजय गौतम का कहना है कि हाईकोर्ट ने 30 अक्टूबर 2013 को आरक्षी विनोद कुमार त्यागी की बर्खास्तगी आदेश को निरस्त कर दिया था तथा समस्त लाभों सहित सेवा में बहाल करने का निर्देश दिया था। एकल जज के इस आदेश के खिलाफ सरकार ने विशेष अपील दाखिल की थी। विशेष अपील बेंच ने याची को सेवा में बहाल करने के आदेश पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था। परंतु कहा था कि उसके पिछले बकाया पैसों का भुगतान इस शर्त पर रुका रहेगा की आरक्षी को सेवा में ले लिया जाए। आरक्षी को वर्तमान वेतन देने का भी आदेश था। विशेष अपील बेंच के आदेश के खिलाफ सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल की थी जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था। इस बीच पैसों के अभाव के चलते याची आरक्षी कि 20 सितंबर 2016 को हार्टअटैक से मौत हो गई।

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याची की बर्खास्तगी का प्रकरण बागपत के माया त्यागी कांड से जुड़ा हुआ है। माया त्यागी को वर्ष 1980 में पुलिस इंस्पेक्टर व सिपाहियों ने निर्वस्त्र करके थाने पर लाया और उसके साथ उसके पति व दो अन्य को गोली मारकर हत्या कर दी थी। माया त्यागी आरक्षी याची विनोद त्यागी की भाभी थी। कुछ दिनों बाद माया त्यागी कांड में शामिल इंस्पेक्टर सहित अन्य पुलिसकर्मियों की बागपत में हत्या कर दी गई थी। इस मामले में याची पर हत्या का आरोप लगाया गया। याची पर रासुका समेत लगभग तीन दर्जन मुकदमे दर्ज किए गए। वर्ष 2009 में याची विनोद सभी मामलों में बरी हो गया। उसके बाद उसने इलाहाबाद हाईकोर्ट में बर्खास्तगी के खिलाफ याचिका दाखिल की थी, जिस पर कोर्ट ने उसे बहाल करने का निर्देश दिया था।

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