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Demat और Trading Account शेयर बाजार में निवेश के लिए जरूरी है, जानिए खुलवाने का प्रॉसेस

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नई दिल्ली । लॉकडाउन के महीनों के दौरान शेयर बाजार में खुदरा निवेशकों की भागीदारी में काफी तेजी से ग्रोथ देखने को मिली और इन लोगों ने बाजार में इस दौरान भारी मुनाफा भी बनाया। शेयर बाजार में निवेश के लिए डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाने की जरूर होती है। डीमैट अकाउंट खुलवाना काफी आसान है। आप घर बैठे अपने मोबाइल फोन के माध्यम से मिनटों में अपना डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट खुलवा सकते हैं।

पात्रता व आवश्यक दस्तावेज

कोई भी 18 साल की आयु से अधिक का व्यक्ति डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट खुलवा सकता है। डीमैट अकाउंट खुलवाने के लिए पैन कार्ड कॉपी, बैंक अकाउंट, आईडी और एड्रेस प्रूफ, कैंसिल चेक, बैंक स्टेटमेंट, इनकम प्रूफ और हस्ताक्षर की कॉपी की जरूरत होती है। इसमें केवाईसी की भी जरूरत होती है।

यह है प्रॉसेस

स्टेप 1. सबसे पहले आपको डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (DP) चुनना होगा। इसे ही हम ब्रोकर बोलते हैं। यह एक आधिकारिक बैंक या एक वित्तीय संस्थान या ब्रोकर हो सकता है। आप अपनी सुविधा और आश्यकताओं को देखते हुए किसी एक डीपी को डीमैट अकाउंट खुलवाने के लिए चुन सकते हैं।

स्टेप 2. अब आपको चुने गए डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट की वेबसाइट या एप पर जाना होगा और ‘ओपन डीमैट अकाउंट’ टैब पर क्लिक करना होगा। यहां आपको अपना नाम, मोबाइल नंबर और ई-मेल आईडी जैसी बेसिक जानकारियां दर्ज करनी होगी। कुछ ब्रोकर आधार के माध्यम से भी डीमैट अकाउंट खोलते हैं।

स्टेप 3. अब आपको नेट बैंकिंग या क्रेडिट कार्ड के माध्यम से अकाउंट खुलवाने के लिए लगने वाले शुल्क का भुगतान करना होगा। कुछ ब्रोकर निशुल्क डीमैट अकाउंट खोलने की सुविधा भी देते हैं।

मेंटेनेंस चार्जेज पर दें ध्यान

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डीमैट अकाउंट में एक सुविधा शुल्क लगता है। अपना डीमैट अकाउंट शुरू करने से पहले आपको इससे जुड़े शुल्कों के बारे में जानने के लिए दस्तावेज को ध्यान से पढ़ना चाहिए। इन शुल्कों में डीमैट अकाउंट खोलने का शुल्क, मेंटेनेंस शुल्क, ट्रांजेक्शन शुल्क और कस्टोडियन शुल्क आदि शामिल होते हैं। ये शुल्क प्रत्येक ब्रोकर के अलग-अलग होते हैं।

डिपॉजिटरी

डिपॉजिटरी एक बैंक की तरह ही होती है, जिसमें सिक्युरिटीज इलेक्ट्रॉनिक रूप में होती हैं। भारत में दो डिपॉजिटरीज हैं। पहली है- नेशनल सिक्युरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड  (NSDL) और दूसरी है- सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज लिमिटेड (CDSL)। डिपॉजिटरीज एक्ट के तहत निवेशक इन डिपॉजिटरीज की सेवाओं का उपयोग डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट्स के माध्यम से कर सकते हैं।

नॉमिनी

ध्यान रखें कि डीमैट अकाउंट खोलते समय नॉमिनी को एड करना महत्वपूर्ण है। एक बार जब आपके अकाउंट खुलवाने का आवेदन प्रॉसेस हो जाता है, तो आपको एक डीमैट अकाउंट नंबर और क्लाइंट आईडी मिल जाती है। आपका ब्रोकर आपको बीओआई नंबर (Beneficiary Owner Identification Number) प्रदान करता है, जो अकाउंट में आपकी सभी लेनदेन के लिए जरूरी होता है।

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