यूपी के पूर्व डीजीपी देवेन्द्र सिंह चौहान इन दिनों विवादों में हैं. केंद्र सरकार के कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग मतलब DOPT की सचिव राधा चौहान का नाम भी इस विवाद से जोड़ दिया गया है. पूरा मामला उन्हें गिफ़्ट में मिले नोएडा के एक बंगले को लेकर है. जिसकी क़ीमत दस करोड़ रूपये बताई जाती है.
विवाद इसलिए है कि क्योंकि ये बंगला चौहान परिवार को दान में दिया गया है. देवेन्द्र और राधा की बेटी अंशुमाला चौहान के नाम पर ये बंगला है. बंगले का पता है 109, सेक्टर 15A. अरुणा मोहन ने ये घर अंशुमाला को तोहफ़े में दिया है. 30 नवंबर 2021 को ये कोठी अंशुमाला के नाम पर ट्रांसफ़र कर दी गई है. विवाद इसीलिए खड़ा किया जा रहा है कि दान देने वाली अरुणा मोहन और चौहान परिवार का कोई खून का रिश्ता नहीं है.
दो महीने पहले तक देवेन्द्र सिंह चौहान यूपी के कार्यवाहक डीजीपी थे. अब वे रिटायर हो चुके हैं. उन्हें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सबसे करीबी अफ़सर माना जाता रहा. वे एक समय में यूपी के डीजीपी समेत विजिलेंस और इंटेलिजेंस पुलिस के भी डीजी रहे हैं. चौहान परिवार के करीबी लोगों को लगता है कि इस विवाद के पीछे यूपी के ही कुछ IPS अधिकारी हैं.
महिला ने प्रॉपर्टी को लेकर जारी किया एफिडेविट
पूर्व डीजीपी देवेन्द्र सिंह चौहान की बेटी को नोएडा में गिफ्ट में मिली कोठी के मामले में नया मोड़ आ गया है. तोहफ़े में घर देने वाली वाली महिला अरुणा मोहन ने शपथ पत्र जारी किया है. उनके पति राजेंद्र मोहन UP कैडर के 1963 बैच के अफ़सर थे. अरुणा का कहना है कि वो पूर्व डीजीपी चौहान के परिवार को अपना परिवार मानती हैं. चौहान परिवार लम्बे समय से उनकी देखभाल भी करता है.
महिला बोलीं-अपनी मर्जी से चौहान फैमिली को दी प्रॉपर्टी
शपथपत्र में उन्होंने कहा है कि अपनी मर्ज़ी से ये प्रॉपर्टी चौहान फैमिली में उनकी बेटी को दे रही है. इसीलिए किसी दवाब में गिफ़्ट देने का आरोप बेबुनियाद है. अरुणा बताती हैं कि वे पुलिस अधिकारी की पत्नी हैं, इसलिए उनके ऊपर दबाव या अन्य किसी प्रकार का कोई ऑब्लिगेशन नहीं है. उन्होंने ये प्रॉपर्टी खुद की इच्छा से राधा और डीएस चौहान की बेटी को दी हैं. आज भी चौहान फैमिली उनकी देखभाल करती है और वो उसी घर में आज भी रहती हैं. ये घर विधिक प्रक्रिया से चौहान की बेटी को गिफ्ट में दिया गया है. अरुणा मोहन ने मीडिया में इस मामले को लेकर उठे विवाद को दुखद बताया है.