नई दिल्ली। आजकल की बिज़ी लाइफस्टाइल की वजह से हमारी डाइट में नमक का स्तर काफी बढ़ गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि हम अब जंक फूड, प्रोसेस्ड फूड का सेवन कहीं ज़्यादा करने लगे हैं, जिसमें नमक का उपयोग काफी किया जाता है। नमक को खाने में स्वाद बढ़ाने के लिए डाला जाता है, लेकिन विज्ञान के मुताबिक, खाने में ज़्यादा नमक का सेवन याददाश्त से जुड़े विकारों का कारण बनता है, जिसमें डिमेंशिया और अल्ज़ाइमर शामिल हैं। ज़्यादा नमक का सेवन एक अणु का अतिउत्पादन करता है, जो सूजन को बढ़ावा देता है।
इसके अलावा, ऐसी कुछ रिसर्च हुई हैं जिसमें पाया गया है कि ज़रूरत से ज़्यादा नमक से ब्लड प्रेशर, दिल की बीमारी और स्ट्रोक का जोखिम बढ़ता है, जो जानलेवा साबित हो सकता है। साथ ही रोज़ ज़्यादा नमक खाना तनाव बढ़ने का कारण भी बनता है।
डिमेंशिया क्या है?
मेयो क्लीनिक के मुताबिक, डिमेंशिया कुछ लक्षणों का समुह है, जिसमें याददाश्त, सोचने की ताकत और सामाजिक क्षमताओं पर गंभीर रूप से असर डालता है कि यह इससे आपकी रोज़मर्रा की ज़िंदगी में हस्तक्षेप पैदा होने लगता है। कई बीमारियों की वजह से डिमेंशिया हो सकता है। इसके लक्षण कुछ ऐसे होते हैं:
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- याददाश्त का कमज़ोर होना
- बात करते समय अक्सर शब्दों का न याद आना
- देखने में भी दिक्कत आना
- तर्क करने में कठिनाई
- मुश्किल कामों को निपटाने में समस्या
- कुछ प्लान या आयोजन करने में कठिनाई
- समन्वय और मोटर कार्यों में कठिनाई
- भ्रम और भटकाव
नमक का ज़्यादा सेवन कैसे डिमेंशिया का कारण बनता है?
मेडिकल न्यूज़ टुडे के अनुसार, मॉलीक्यूल Interleukin-17 मस्तिष्क की कोशिकाओं को नाइट्रिक ऑक्साइड बनाने से रोकता है, जिसकी रक्त वाहिकाओं को चौड़ा करने में मदद करने में प्रमुख भूमिका होती है, जिससे रक्त प्रवाहित हो पाता है। नाइट्रिक ऑक्साइड की कमी रक्त प्रवाह को 25 फीसदी तक रोक देता है, जिससे डिमेंशिया होता है। इसके अलावा ज़्यादा नमक का सेवन टाऊ (Tau) के उत्पादन करता है, जो ब्रेन में एक तरह का प्रोटीन है और अल्ज़ाइमर की पहचान है।
तो फिर नमक का इस्तेमाल कम कैसे किया जाए?
आप नमक की कम मात्रा का उपयोग कर सकते हैं, या फिर स्वाद के लिए इसकी जगह कई दूसरी चीज़ें डाल सकते हैं। जैसे कि लहसुन, काली मिर्च, विनेगर, अदरक, जो न सिर्फ खाने में बेहतरीन स्वाद लाते हैं, बल्कि सेहत को कई तरह से फायदा भी पहुंचाते हैं।
Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।