नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार को तमिलनाडु में मनी लांड्रिंग मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए उदयानिधि स्टालिन फाउंडेशन की 36 करोड़ रुपये मूल्य की अचल संपत्ति और बैंक में जमा 34.7 लाख रुपये की नकदी जब्त कर ली है। यह कार्रवाई प्रिवेंशन आफ मनी लांड्रिंग एक्ट के विभिन्न प्रविधाओं के तहत हुई जांच के बाद की गई है।
ईडी ने की थी छापेमारी
मालूम हो कि यह जांच कलाल ग्रुप और ब्रिटेन के लीका ग्रुप और उसकी सहायक भारतीय कंपनियों-लीका प्रोडक्शंस और लीका होटल्स के बीच धन अवैध लेन-देन के चलते हुई है। उल्लेखनीय है कि उदयानिधि स्टालिन तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे हैं। मामले में ईडी ने अप्रैल और इसी महीने के प्रारंभ में भी छापेमारी की थी। यह जांच चेन्नई की सेंट्रल क्राइम ब्रांच प्रथम द्वारा दर्ज की गई रिपोर्ट के आधार पर हो रही है।
ब्रिटेन के लीका ग्रुप की सहायक कंपनी है पोटिगो
एफआइआर के अनुसार, पेटिगो कामर्सियो इंटरनेशनल के निदेशक गौरव चाचरा ने बताया है कि कलाल ग्रुप और उसके निदेशकों-सरवनन पलानिअप्पन, विजयकुमारन, अरविंत राज और विजय अनंत ने उनसे 114.37 करोड़ रुपये की ठगी की है। पेटिगो ब्रिटेन के लीका ग्रुप की एक सहायक कंपनी है।
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300 करोड़ रुपये की है धोखाधड़ी
जांच में सामने आया कि वास्तव में यह धोखाधड़ी 300 करोड़ रुपये की है। इस धनराशि का लीका ग्रुप के कार्यों में निवेश किया गया था या उसे बतौर ऋण दिया गया था। जांच में इस धन के निवेश की प्रक्रिया में गड़बड़ी पाई गई। इसीलिए सुबूतों की तलाश में ईडी ने छापेमारी की और डिजिटल साक्ष्य, दस्तावेज, अचल संपत्ति, संदिग्ध नकदी और हवाला से लेन-देन के संकेत देने वाले कागजात जब्त किए गए हैं।
कई ठिकानों पर की गई है छापेमारी
इस गड़बड़ी में उदयानिधि स्टालिन फाउंडेशन को हुए लाभ के मद्देनजर उसके ठिकानों पर छापेमारी की गई है। फाउंडेशन ने जांच के दायरे में आई कंपनियों से एक करोड़ रुपये लिए थे। फाउंडेशन इस धन प्राप्ति का कारण स्पष्ट नहीं कर सका है। लीका प्रोडक्शंस मनोरंजन के व्यवसाय से जुड़ी कंपनी है। वह तमिल और हिंदी फिल्मों के निर्माण और उनके वितरण से जुड़ी हुई है। यह हाल में दो भाग में बनी चर्चित फिल्म पोन्निइन सेल्वन वन और पोन्निइन सेल्वन टू के चलते चर्चा में आई है।