नई दिल्ली। अब तक लगभग शांतिपूर्ण हो रहे लोकसभा चुनाव में शनिवार को सातवें और अंतिम चरण के मतदान के दौरान पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा ने पूरे चुनाव पर दाग लगा दिया है। इस दौरान पश्चिम बंगाल में मारपीट के साथ ईवीएम लूटने की भी घटना हुई है। हालांकि निर्वाचन आयोग ने इस घटना को वोटिंग शुरू होने से पहले का बताया है।
इस बीच अंतिम चरण में आठ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश की 57 सीटों पर 59 प्रतिशत मतदान हुआ है। इस दौरान सबसे अधिक 69.89 प्रतिशत मतदान पश्चिम बंगाल में हुआ है। जो पिछले छह चरणों के मुकाबले कम है। सबसे कम 49.35 प्रतिशत मतदान बिहार में हुआ है। अब नतीजे चार जून को आएंगे। इसके साथ ही लोकसभा चुनाव के सभी सातों चरणों में करीब 65 फीसद मतदान हुआ है। जो 2019 के मुकाबले कम है। 2019 में 67.4 प्रतिशत मतदान हुआ था।
सातवें व अंतिम चरण में उत्तर प्रदेश में 55.55 मतदान
निर्वाचन आयोग के मुताबिक सातवें व अंतिम चरण में हिमाचल प्रदेश में 66.91, उत्तर प्रदेश में 55.55, पंजाब में 55.58, ओडिशा में 62.76 , झारखंड में 68.32 प्रतिशत व चंडीगढ़ में 62.80 प्रतिशत मतदान हुआ है। लोकसभा चुनाव के इससे पहले के चुनाव में भी कमोबेश कुछ ऐसा ही मतदान प्रतिशत रहा है।
अंतिम चरण के चुनाव में प्रमुख चेहरे मैदान में
अंतिम चरण के इस चुनाव में जो प्रमुख चेहरे मैदान में है, उनमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ ही केंद्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर, महेन्द्र नाथ पांडेय, रामकृपाल यादव,अनुप्रिया पटेल, कंगना रानौत, मीसा भारती और अभिषेक बनर्जी शामिल है। लोकसभा चुनाव के साथ ओडिशा के विधानसभा चुनाव भी समाप्त हो गए। जहां अंतिम चरण में लोकसभा के साथ मतदान था।
संदेशखाली में हिंसा की घटनाएं देखने को मिली
निर्वाचन आयोग के मुताबिक पश्चिम बंगाल के दक्षिण चौबीस परगना, संदेशखाली में हिंसा की घटनाएं देखने को मिली है। इस दौरान दक्षिण चौबीस परगना के हिंसा के बाद गुस्साई भीड़ ने ईवीएम को लूट लिया और पुलिस के पीछा करने के बाद उसे बाद में तालाब में फेंक दिया। हालांकि आयोग के मुताबिक यह रिजर्व ईवीएम थी। साथ ही यह घटना मतदान शुरू होने से पहले की है। ऐसे में मतदान बाद में शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ।