नोएडा: सेक्टर-30 स्थित पीजीआइ नोएडा व रेडक्लिफ लाइफटेक के बीच जेनेटिक काउंसलिग देने के लिए समझौता हुआ है। इसके तहत रेडक्लिफ लाइफटेक संस्थान में अगले हफ्ते से मरीजों को निश्शुल्क जेनेटिक काउंसलिग की सुविधा मुहैया कराएगी।
संस्थान के निदेशक डा. अजय सिंह ने बताया कि कंपनी की तरफ से चाइल्ड पीजीआइ के मेडिकल जेनेटिक विभाग में एक जेनेटिक काउंसलर की व्यवस्था रहेगी। एक सप्ताह में यह व्यवस्था शुरू हो जाएगी। आनुवांशिक विकारों से ग्रसित बच्चों के परिवार के सदस्य इस सुविधा का लाभ उठा सकेंगे। दिल्ली-एनसीआर के अधिकांश संस्थानों में आनुवांशिक परामर्शदाता सुविधा मौजूद नहीं है। यह समझौता कंपनी से एक वर्ष के लिए किया गया है। जेनेटिक काउंसलिग की सुविधा सप्ताह में दो दिन के लिए रहेगी। समझौते के दौरान दोनों पक्षों द्वारा सीएसआर मद के तहत जेनेटिक लैब विकसित करने पर भी चर्चा की गई है।
संस्थान के मेडिकल जेनेटिक विभाग के विशेषज्ञ डा. मयंक निलय ने बताया कि आनुवांशिक रोग हजारों प्रकार के होते हैं। नवजात शिशुओं में आनुवांशिक रोग होने की संभावना 3 से 5 प्रतिशत तक होती है, ज्यादातर जेनेटिक समस्या नवजात बच्चों में पाई जाती हैं। उम्र बढ़ने के बाद इनका उपचार भी संभव नहीं हो पाता है। जेनेटिक काउंसलिग का मुख्य उद्देश्य लोगों को उनके परिवार में मौजूद जेनेटिक बीमारियों के प्रति सजग करना व जेनेटिक विकार से ग्रस्त बच्चा पैदा होने की संभावना के बारे में जानकारी देना है। संस्थान के रिसर्च आफिसर डा. दिनेश साहू ने बताया कि जेनेटिक टेस्टिग से पहले एवं टेस्टिग के बाद जेनेटिक काउंसलिंग महत्वपूर्ण है। इस मौके पर चाइल्ड पीजीआई की तरफ से संस्थान के निदेशक डा. अजय सिंह व रेडक्लिफ लाइफटेक नोएडा की तरफ से ईशान खन्ना ने समझौते पर हस्ताक्षर किया है।