लखनऊ। Fake birth certificate case: रायबरेली के सलोन में फर्जी जन्म प्रमाणपत्र बनाए जाने के मामले में प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) की भूमिका भी होने की आशंका ने जांच एजेंसियों की सक्रियता बढ़ा दी है। आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) ने इस दिशा में भी छानबीन शुरू की है।
केरल निवासी पीएफआई के एक सदस्य का फर्जी जन्म प्रमाणपत्र(Fake birth certificate case) बनवाए जाने का मामला सामने आया था, जिसके बाद एटीएस ने अन्य जिलों में भी छानबीन का दायरा बढ़ाया है। फर्जी जन्म प्रमाणपत्र बनवाने वालों के तार बांग्लादेशी व रोहिंग्या की घुसपैठ कराने वाले सिंडीकेट से जुड़े होने की भी जांच शुरू की गई है।
एटीएस ने पूर्व में घुसपैठ कराने वाले गिरोह के कई सक्रिय सदस्यों को पकड़ा था। इनमें कई अपना ठिकाना देवबंद (सहारनपुर) में भी बनाए थे और उनके फर्जी नाम-पतों पर आधार कार्ड व अन्य दस्तावेज बनवाए गए थे।
एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि फर्जी जन्म प्रमाणपत्र के माध्यम से अन्य भारतीय दस्तावेज बनवाए जाने के मामले सामने आ चुके हैं। घुसपैठ कराने वाले सिंडीकेट की जांच में फर्जी दस्तावेजों की मदद से पासपोर्ट तक बनवाए जाने के मामले पकड़े जा चुके हैं।
पूरे मामले की गहनता से छानबीन में कई तथ्य सामने आ सकते हैं। फर्जी दस्तावेजों के जरिये घुसपैठियों के आधार कार्ड, डीएल व अन्य दस्तावेज बनवाए जाने की जांच कई जिलों में चल रही है।