Home Breaking News पूर्व मंत्री व विधान परिषद सदस्य नरेंद्र भाटी को मिला भाजपा को गुर्जरों के वोट दिलाने का ईनाम
Breaking Newsउत्तरप्रदेशराजनीतिराज्‍य

पूर्व मंत्री व विधान परिषद सदस्य नरेंद्र भाटी को मिला भाजपा को गुर्जरों के वोट दिलाने का ईनाम

Share
Share

ग्रेटर नोएडा। पूर्व मंत्री व विधान परिषद सदस्य नरेंद्र भाटी को भाजपा के प्रति वफादारी व गुर्जरों को मनाकर विधान सभा चुनाव में भाजपा को वोट दिलवाने का ईनाम मिल गया। भाजपा ने उन्हें बुलंदशहर-गौतमबुद्ध नगर विधान परिषद (निकाय) सीट से प्रत्याशी घोषित किया है।

इसी सीट से नरेंद्र भाटी 2016 में सपा के टिकट पर विजयी हुए थे। विधान सभा चुनाव से पहले वह सपा छोड़ भाजपा में शामिल हो गए थे। 21 मार्च तक नामांकन दाखिल किए जाने हैं। मतदान नौ अप्रैल, जबकि मतगणना 12 अप्रैल को होगी। इस चुनाव में ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य, ब्लाक प्रमुख, नगर पालिका चेयरमैन व सभासद वोट डालेंगे।

सम्राट मिहिर भोज प्रकरण के चलते भाजपा से नाराज थे गुर्जर 

विधान सभा चुनाव से पहले सम्राट मिहिर भोज प्रकरण के चलते गुर्जर भाजपा से नाराज हो गए थे। भाजपा ने चुनाव से पहले नरेंद्र भाटी पर दांव खेलते हुए उन्हें सपा से पाला बदलवाकर अपने साथ मिला लिया। सपा को इससे तगड़ा झटका लगा।

नरेंद्र भाटी की पश्चिमी उत्तर प्रदेश के गुर्जरों में अच्छी पकड़ मानी जाती है। वहीं जाट भी भाजपा से छिटक गए थे। ऐसे में भाजपा हाईकमान ने नाराज गुर्जरों को मनाने की जिम्मेदारी नरेंद्र भाटी को सौंपी थी, ताकि जाट वोट न मिलने की स्थिति में गुर्जर भाजपा को मिल जाए। भाजपा का यह दाव सही पड़ा। नरेंद्र भाटी ने जिम्मेदारी का बखूबी निर्वहन करते हुए पश्चिमी उत्तर प्रदेश की कई सीटों पर चुनाव प्रचार कर गुर्जरों को भाजपा के पक्ष में मोड़ा।

बुलंदशहर-गौतमबुद्ध नगर विधान परिषद सीट पर वह 2016 से विराजमान हैं। उनकी सीट के अंर्तगत आने वाली सभी दस सीटों पर भाजपा जीती। बुलदंशहर की सात व गौतमबुद्ध नगर की तीन सीटों पर भाजपा प्रत्याशी विजयी हुए।

See also  यमुना प्राधिकरण ने 250 करोड़ की जमीन कराई कब्जा मुक्त: जमकर चला बुलडोजर, अवैध रूप से बनाए गए होटल और रेस्टोरेंट गिराए

सिकंद्राबाद सीट जितवाने में निभाई अहम भूमिका 

सूत्रों का कहना है कि सिकंद्राबाद सीट को जितवाने में उन्होंने अहम भूमिका निभाई। यहां से नरेंद्र भाटी तीन बार विधायक रहे हैं। अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर उन्होंने भाजपा प्रत्याशी लक्ष्मी राज सिंह को बड़ी संख्या में गुर्जरों के साथ अन्य जातियों के वोट भी दिलवाए। दादरी, नोएडा, जेवर, लोनी, गढ़, हसनपुर, दक्षिण मेरठ आदि सीटों पर भाजपा के लिए कड़ी मेहनत की। परिणाम स्वरूप इन सीटों पर गुर्जरों के वोट भाजपा को मिले।

ब्लाक प्रमुख से शुरू हुआ था नरेंद्र भाटी का राजनीतिक करियर 

नरेंद्र भाटी का राजनीतिक करियर दादरी के ब्लाक प्रमुख से शुरू हुआ था। तीन बार सिकंद्राबाद से विधायक रहने के बाद उन्होंने दो बार गौतमबुद्ध नगर लोकसभा सीट से सपा के टिकट पर चुनाव लड़ा है, लेकिन हार गए। जब तक मुलायम सिंह यादव का दौर रहा, उनकी सपा में तूती बोलती थी। 2018 से उन्होंने सपा से दूरी बनानी शुरू कर दी थी।

2019 के लोकसभा चुनाव में उनके छोटे भाई पूर्व जिला पंचायत चेयरमैन बिजेंद्र भाटी सपा छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। नरेंद्र भाटी पार्टी उस समय पार्टी बदलते तो उन्हें विधान परिषद सीट से इस्तीफा देना पड़ता। इस वजह से उन्होंने पार्टी नहीं छोड़ी, लेकिन अंदरूनी भाजपा प्रत्याशी डाक्टर महेश शर्मा को वोट दिलवाए। तभी से कयास लगाए जाने लगे थे कि नरेंद्र भाटी भाजपा में शामिल होंगे।

टिकट की दौड़ में थे कई दिग्गज

विधान परिषद (निकाय) सीट पहले गौतमबुद्ध नगर-गाजियाबाद के नाम से थी। 1998 में मलूक नागर यहां से निर्वाचित हुए। इसके बाद यह बुलंदशहर के साथ जुड़ गई। 2004 में इस सीट से सुरेंद्र नागर ने एकतरफा जीत हासिल की। 2009 में सुरेंद्र नागर गौतमबुद्ध नगर लोकसभा सीट से बसपा के टिकट पर सांसद बन गए। 2010 के विधान परिषद चुनाव में बुलंदशहर-गौतमबुद्ध नगर सीट से अनिल अवाना विजयी हुए। 2016 में नरेंद्र भाटी विधान परिषद सदस्य बने।

See also  नेफोमा ने मुख्य सचिव के सामने रखी लाखो फ़्लेट बॉयर्स की समस्याएं

इस बार भाजपा के टिकट के लिए नरेंद्र भाटी के अलावा तेजा गुर्जर, हिमांशु मित्तल, बुलंदशहर के भाजपा जिलाध्यक्ष अनिल शिशोदिया, नोएडा महानगर अध्यक्ष मनोज गुप्ता, पूर्व मंत्री हरिश्चंद्र भाटी, नोएडा के पूर्व महानगर अध्यक्ष योगेंद्र चौधरी भी दौड़ में थे।

Share
Related Articles
Breaking Newsअपराधएनसीआरग्रेटर नोएडा

बिना स्टिकर की कार सोसायटी में ले जाने पर बवाल, सुरक्षा गार्डों पर हमला, दो आरोपी गिरफ्तार

ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा वेस्ट की आम्रपाली लेजर वैली सोसायटी में बिना स्टीकर...

Breaking Newsअंतर्राष्ट्रीय

कौन होगा ईसाई धर्म का अगला पोप? इन 5 नामों पर टिकी सबकी नजर

वेटिकन सिटी: पोप फ्रांसिस का 21 अप्रैल को 88 साल की आयु में...