लखनऊ: उत्तर प्रदेश के लखनऊ में एसटीएफ ने एक फर्जी कैप्टन को गिरफ्तार किया है। सुल्तानपुर जिले का रहने वाला अंकित मिश्रा खुद को कैप्टन बताकर युवाओं को सेना में भर्ती कराने का झांसा देकर उनसे ठगी करता था। गिरफ्तारी के बाद आरोपित के पास से यूपी पुलिस के उपनिरीक्षक और सेना के कैप्टन की वर्दी और एआरओ अमेठी की फर्जी मुहर और फर्जी नियुक्ति प्रमाण पत्र, एक कार व अन्य सामान बरामद किया गया है।
जानकारी के मुताबिक, वर्दी पहनकर बेरोजगार युवाओं को गुमराह करने वाले अंकित के खिलाफ मिलिट्री इंटेलीजेंस लखनऊ को शिकायत मिली थी। एसटीएफ में सीओ दीपक कुमार सिंह बताया कि एसटीएफ ने छानबीन की तो पता चला कि कैंट क्षेत्र में एक व्यक्ति स्वयं को भारतीय सेना का कैप्टन बताकर बेरोजगार युवकों को बेवकूफ बनाता है। इसके बाद उनसे रुपये वसूलता है। बुधवार को पीजीआई अस्पताल के पास से मुखबिर की सूचना पर उसे पकड़ा गया। आरोपित आर्मी की वर्दी में था।
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आर्मी रिक्रूटमेंट आफिसों के बाहर घूमता था
पूछताछ में पता चला कि आरोपित अंकित सुल्तानपुर के तिवारीपुर का रहने वाला है। उसने जाली नियुक्ति पत्र भी बांटे थे। अंकित ने बताया कि वह आर्मी रिक्रूटमेंट आफिसों के बाहर कैप्टन की वर्दी पहनकर घूमता है। इस दौरान वह नौकरी के लिए परेशान बेरोजगार युवकों को भारतीय सेना में विभिन्न पदों पर भर्ती कराने का झांसा देता है। इसके एवज में वह उनसे रुपये लेता है। कई साल से अंकित ये फर्जीवाड़ा कर रहा था।
नायक पद पर भर्ती के लिए मांगे 5-5 लाख रुपये
आरोपित ने संतकबीर नगर निवासी बलिराम व एटा निवासी राहुल से नायक पद पर भर्ती कराने के नाम पर पांच-पांच लाख रुपये मांगे थे। दोनों पीड़ितों ने पूर्व में उसे चार लाख 40 हजार रुपये दिए थे। आरोपित ने दोनों को नियुक्ति पत्र की फोटो कापी दिखाकर शेष रकम लाने के लिए था। हालांकि पीड़ित रकम की व्यवस्था नहीं कर पाए थे।
शक न हो इसलिए पहनता था वर्दी
आरोपित ने बताया कि वह आर्मी के कैप्टन की वर्दी इसलिए पहनता था कि कोई उसपर शक न करे। वहीं, दारोगा की वर्दी टोल प्लाजा पर टैक्स से बचने के लिए पहनता था। एसटीएफ आरोपित के अन्य साथियों के बारे में पता लगा रही है।
पीजीआइ कोतवाली में आरोपित के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। अंकित के पास से आर्मी के कैप्टन की वर्दी, उत्तर प्रदेश पुलिस के उप निरीक्षक पद की वर्दी, ठगी के शिकार तीन युवकों के शैक्षिक प्रमाण पत्र एआरओ अमेठी की मुहर, फर्जी नियुक्ति प्रमाण पत्र की छायाप्रति, एक कार व अन्य सामान बरामद किए गए हैं।