हैदराबाद: भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव का असर हर तरफ देखने को मिल रहा है. बॉलीवुड इंडस्ट्री में पाक कलाकारों पर बैन लगाने से लेकर हिंदी गानों से उनके पोस्टर हटाने की प्रोसेस अभी चल ही रही थी कि अब एक असर देखने को मिल रहा है. दरअसल जिन देशों ने इस हालात में पाकिस्तान का समर्थन किया वहां अब भारतीय फिल्मों की शूटिंग पर बैन लगाने की मांग उठ रही है.
इन देशों में बैन करने की उठी मांग
तुर्की और अजरबैजान द्वारा पाकिस्तान के समर्थन में बयान जारी करने के बाद भारतीय फिल्म संस्था ने इंडस्ट्री से वहां जाकर शूटिंग न करने की अपील की है. यह जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हमले और भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बीच हुआ है. फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लॉइज (FWICE) ने बुधवार, 14 मई को एक बयान जारी किया, जिसमें सभी भारतीय फिल्म मेकर्स से अपील की गई कि वे भारत के राष्ट्रीय हितों से संबंधित मामलों पर पाकिस्तान के प्रति बढ़ते समर्थन के मद्देनजर तुर्की को शूटिंग लोकेशन के तौर पर चुनने से पहले विचार करें.
बयान में कहा गया है, ‘FWICE हमेशा से ही इस बात पर अडिग रहा है कि ‘राष्ट्र सर्वोपरि है’. हाल के घटनाक्रमों और पाकिस्तान के समर्थन में तुर्की के लगातार रुख को देखते हुए, हमारा मानना है कि भारतीय फिल्म इंडस्ट्री किसी भी तरह से इन देशों में इन्वेस्ट ना करें. तुर्की ने पाकिस्तान को सपोर्ट दिखाया है और हम यह अब उसके टूरिज्म को लाभ नहीं पहुंचा सकते’. इसमें आगे कहा गया है कि फिल्म बिरादरी को राष्ट्र के साथ एकजुटता में खड़े होने और फिल्म शूटिंग के लिए तुर्की का बहिष्कार करने की आवश्यकता है, जब तक कि देश अपने कूटनीतिक रुख पर पुनर्विचार नहीं करता.
तुर्की ने की पाकिस्तान की मदद
इस बीच, ऑपरेशन सिंदूर के तहत तुर्की के दो सैन्य ऑपरेटिव मारे गए, जिससे पता चलता है कि तुर्की ने न केवल 350 से अधिक ड्रोन के साथ, बल्कि ऑपरेटरों के साथ भी भारत के खिलाफ युद्ध में पाकिस्तान की मदद की. तुर्की के सलाहकारों ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत पर ड्रोन हमलों करने में पाकिस्तानी सेना के अधिकारियों की मदद की.
बता दें तुर्की में ‘रेस 2’, ‘टाइगर 3’, ‘दिल धड़कने दो’ जैसी फिल्मों की शूटिंग हुई है जिससे इस देश के पर्यटन को बढ़ावा मिला और टूरिज्म लोकेशन का प्रमोशन भी हुआ.