नोएडा। सेक्टर-20 कोतवाली पुलिस ने आन डिमांड टायर चोरी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश कर बृहस्पतिवार को डीएलएफ मॉल के पास से चार बदमाशों को गिरफ्तार किया है। आरोपितों की पहचान दिल्ली के राजू गुर्जर, ललित माथुर, मनीष सिंह बिष्ट, चंद्र भूषण उर्फ शंभू के रूप में हुई है। कब्जे से चोरी के एलाय व्हील के साथ 30 टायर, दो फर्जी नंबर प्लेट, चोरी करने के इस्तेमाल औजार, घटना में प्रयुक्त कार हुंडई एसेंट बरामद की है।
गिरोह का मास्टरमाइंड है राजू गुर्जर, दिल्ली में दर्ज हैं 32 मुकदमे
एडिशनल डीसीपी नोएडा शक्ति अवस्थी ने बताया कि गिरोह का मास्टरमाइंड राजू गुर्जर है। गिरोह दिल्ली, गाजियाबाद, फरीदाबाद, गुरुग्राम, नोएडा-ग्रेटर नोएडा की पाश सेक्टर, कालोनियों में घर के बाहर खड़ी कारों के व्हील चोरी करने का अपराध करीब पिछले आठ साल से कर रहा है। राजू के खिलाफ दिल्ली में 32 मुकदमे पंजीकृत हैं।
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रात के समय रेकी करते थे बदमाश
बदमाश कार में सवार होकर रात के समय रेकी करते है। रेकी के दौरान देखते हैं कि कहां पर नए मॉडल की कार असुरक्षित स्थानों पर खड़ी है। कार की पहचान कर तुरंत जैक लगाकर पांच मिनट में मिनट में कार का एलाय व्हील खोलकर कार को ईंट पर खड़ा कर फरार हो जाते थे। बदमाश ईंट कार में रखकर लाते थे।
टायर चोरी के दौरान सीसीटीवी कैमरे में कैद हुए थे बदमाश
निठारी में कार के टायर चोरी करने के दौरान बदमाश कैमरे में कैद हुए थे। पुलिस ने सीसीटीवी कैमरे खंगाले तो इनके सही ठिकानों का पता चल गया। गिरोह एनसीआर में अबतक 150 से अधिक घटनाओं को अंजाम दे चुका और चोरी के टायर बेचकर करीब दस लाख रुपये से अधिक की कमाई कर चुके हैं।
राजू गुर्जर पर दर्ज हैं 32 मुकदमे
आरोपितों के खिलाफ सेक्टर-20 कोतवाली में छह, सेक्टर-24 कोतवाली में सात, सेक्टर-58 कोतवाली में तीन, सेक्टर-39 कोतवाली में दो मुकदमे दर्ज हैं। वहीं, आरोपित राजू गुर्जर पर अकेले 32, ललित माथुर के खिलाफ मुकदमा दर्ज है।
कार पर लगाते थे फर्जी नंबर प्लेट
एसीपी नोएडा रजनीश वर्मा का कहना है कि गिरोह रेकी करने से पहले अपनी कार पर फर्जी नंबर प्लेट लगाते थे, जिससे उन्हें कोई पकड़ नहीं सके। वहीं अपराध में प्रयुक्त की गई फर्जी नंबर प्लेट को दोबारा प्रयोग नहीं करते थे। हर बार अपराध के लिए नई फर्जी नंबर प्लेट लगाते थे। आरोपित चोरी किए गए कार व्हील को एक सुरक्षित स्थान पर एकत्रित करते रहते हैं।
5 से 10 हजार रुपये में बेचते थे एक टायर
फिर दिल्ली, गाजियाबाद व नोएडा में टैक्सी स्टैंड पर आने वाले टैक्सी चालकों, कार मार्केट में आने वाले ग्राहकों से संपर्क कर उन्हें एक व्हील 5 से 10 हजार रुपये में बेचते थे। गिरोह टैक्सी स्टैंड व कार मार्केट में घूमकर ग्राहकों से डिमांड की जानकारी भी करते थे। इसी डिमांड के अनुसार रेकी कर कारों के व्हील चोरी करते थे।