ग्रेटर नोएडा। गौतमबुद्ध नगर कमिश्नरेट पुलिस ने 11 साल पुराने मामले में पैरवी की और जिला न्यायालय ने कुख्यात अनिल दुजाना को तीन साल की सजा सुनाई है। इससे माफिया से माननीय बनने का सपना संजोए अनिल दुजाना को करारा झटका लगा है। मामले में मंगलवार को गौतमबुद्ध नगर सीजेएम कोर्ट ने सजा सुनाई है। अनिल पर 20 हजार का जुर्माना लगाया गया है। वर्ष 2011 में बुलंदशहर के युवक की हत्या के मामले में केस में फरारी के दौरान पुलिस की तरफ से अनिल दुजाना के खिलाफ आइपीसी की धारा 174 ए के तहत फरारी का मुकदमा दर्ज किया गया था।
गिरोह का सरगना है अनिल दुजाना
कुर्की आदेश जारी होने के बाद भी बदमाश कोर्ट में हाजिर नहीं हुआ तो पुलिस ने फरारी का मुकदमा दर्ज किया था। अनिल दुजाना गिरोह का सरगना है, उस पर 50 से अधिक हत्या, लूट, रंगदारी, जानलेवा हमला समेत कई अन्य धारा में मुकदमे दर्ज हैं। वर्ष 2016 में हुए जिला पंचायत चुनाव में वार्ड नंबर तीन से अनिल दुजाना ने जीत दर्ज की थी। उसके बाद उसकी हसरत राजनीति के मैदान में और आगे बढ़ गई। इस बार हुए जिला पंचायत चुनाव में उसकी पत्नी के नाम से पर्चा खरीदा गया, लेकिन अंतिम समय में दाखिल नहीं किया गया।
शहरी विकास मंत्री के विकासनगर दौरे का विरोध, काले झंडे लेकर जा रहे 11 कांग्रेस कार्यकर्ता गिरफ्तार
अनिल ने जेल में छह साल का समय बिताया
राजनीति के जानकार बताते हैं कि अनिल विधानसभा पहुंचने का सपना संजोए है, लेकिन उसके इस सपने को करारा झटका लगा है। इसके पीछे गौतमबुद्धनगर कमिश्नरेट पुलिस की मजबूत पैरवी है। अनिल दुजाना के अधिवक्ता जितेंद्र नागर ने बताया कि जेल में बिताई गई अवधि सजा में शामिल की गई है। अनिल जेल में छह साल का समय बिता चुका है। वहीं इस केस में जितेंद्र ट्रायल के दौरान थे जबकि अंतिम बहस अधिवक्ता सूर्य प्रताप सिंह ने की।