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गाजियाबाद के युवक ने कुल्लू ले जाकर कर दी लिव-इन पार्टनर की हत्या, 7 महीने बाद खुला राज

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गाजियाबाद। दिव्या हत्याकांड का राजफाश करके गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट भले ही अपनी पीठ थपथपा रही है लेकिन पुलिस की शुरूआती लापरवाही ने उसके माता-पिता को पूरे जीवनभर का दर्द दे दिया है। उन्हें जीवनभर बेटी का अंतिम दर्शन और अंतिम संस्कार न कर पाने की टीस रहेगी।

शुरूआत में नहीं हुई सुनवाई

उमेश कुमार ने दावा किया कि उनकी बेटी दिव्या ने रमन से वर्ष-2018 प्रेम विवाह किया था। वर्ष-2020 में उसने बेटी आमायरा को जन्म दिया था। तीन मई को रमन ने दूसरी युवती से शादी कर ली। उस समय उनकी बेटी तीन माह की गर्भवती थी। उनका आरोप है कि 18 मई को रमन, उसके चाचा गजेंद्र सिंह व बहन पिंकी ने बेटी पर गर्भपात कराने का दबाव बनाया। मना करने पर भी उसे 10 हजार रुपये देकर चले गए। यह बात बेटी ने अपनी मां से बताई। उसके बाद उसका फोन बंद हो गया।

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कई दिनों तक बेटी से बात नहीं हुई तो 22 मई को वह उसके फ्लैट पर पहुंचे। पता चला कि दिव्या दो-तीन दिन से लापता है। आमायरा रमन के पास ही है। उमेश का आरोप है कि उसी दिन उन्होंने इंदिरापुरम कोतवाली में रमन और उसके परिवार वालों पर बेटी की हत्या करने की आशंका जाहिर करते हुए शिकायत दी। पुलिस ने उनकी नहीं सुनी। रमन की शिकायत पर ही गुमशुदगी दर्ज करके खानापूरी कर ली। काफी जद्दोजहद के बाद 18 दिसंबर को उसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की।

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पुलिस को दिए थे साक्ष्य

उमेश का आरोप है कि उस समय पुलिस ने सीसीटीवी कैमरे की भी जांच करना मुनासिब नहीं समझा। बेटी का मोबाइल, गहने व अन्य सामान आदि फ्लैट में होने के बावजूद कहीं चली जाने की बात करती रही। वह बार-बार पुलिस से इन साक्ष्यों के बारे में बताते रहे। कहते रहे कि दिव्या अपनी दो साल की बेटी से बहुत प्यार करती थी। उसे छोड़कर वह कहीं नहीं जा सकती है। उसके साथ अनहोनी हुई है लेकिन पुलिस का कलेजा नहीं पसीजा।

जीवन भर रहेगी टीस

उमेश ने कहा कि पुलिस यदि उसी दिन उनकी शिकायत पर रिपोर्ट दर्ज करके रमन से कड़ाई से पूछताछ करती तो मामले से पर्दा हट जाता। हिमाचल पुलिस उसका लावारिस हालत में अंतिम संस्कार न करती। उन्हें उसका शव मिल जाता। परिवार वाले अंतिम दर्शन करते। वह उसका अंतिम संस्कार करते लेकिन पुलिस की लापरवाही से ऐसा नहीं हुआ।

सात माह बाद पकड़ा गया

पुलिस उपायुक्त डा. दीक्षा शर्मा ने बताया कि 18 दिसंबर को दिव्या की मां बिट्टो की शिकायत पर रमन, उसके गजेंद्र व पिंकी के खिलाफ अपहरण का मुकदमा दर्ज किया गया। रमन के मोबाइल की लोकेशन से पता चला कि 19 मई को मात्र एक दिन के लिए वह शिमला, हिमाचल गया था। इससे उस पर शक गहराया। उससे कड़ाई से पूछताछ की गई। उसने बताया कि 19 मई को वह कार से दिव्या व दो साल की बेटी आमायरा को घूमाने के बहाने शिमला, हिमाचल ले गया।

रात करीब आठ बजे किन्नौर जाने वाले रास्ते में उसकी चुन्नी से गला घोंटकर हत्या कर दी। उसके शव को जंगल में फेंक कर बेटी को लेकर वापस वसुंधरा आ गया। शुक्रवार को पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।

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