क्वेटा। पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में शुक्रवार रात बंदूकधारियों ने छह निर्माण श्रमिकों की हत्या कर दी। पुलिस ने बताया कि बंदूकधारियों ने राजधानी क्वेटा से लगभग 606 किलोमीटर दक्षिण तुरबत शहर में आठ निर्माण श्रमिकों पर रात में गोलीबारी की। छह श्रमिकों की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि दो गंभीर रूप से घायल हैं।
अस्पताल में भर्ती कराए गए घायल
घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस अधिकारी हिदायतुल्ला दश्ती ने कहा ‘श्रमिक शहर में बन रहे एक निजी निर्माण परियोजना का हिस्सा थे। किसी भी समूह ने अभी तक हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।’
लगभग दो दशकों से बलूचिस्तान, स्वतंत्रता की मांग करने वाले बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी और अन्य अलगाववादी समूहों के विद्रोह का स्थल रहा है।
पंजाब के लोगों को निशाना बनाते हैं बलूच अलगाववादी
बलूच अलगाववादी भी अक्सर पंजाब के लोगों को निशाना बनाते हैं। इस क्षेत्र में इस्लामिक आतंकी संगठन भी सक्रिय है। हालांकि सरकार का कहना है कि उसने उग्रवाद को खत्म कर दिया है, लेकिन प्रांत में हिंसा जारी है।
यह घटना क्वेटा से लगभग 606 किलोमीटर दक्षिण में तुरबत शहर के सैटेलाइट टाउन इलाके में एक घर में हुई।
पुलिस अधिकारी ने कहा कि हथियारबंद लोग उस घर में घुस गए , जहां मजदूर रह रहे थे और अंधाधुंध गोलीबारी की, जिससे उनमें से छह की मौके पर ही मौत हो गई और दो अन्य घायल हो गए।
उन्होंने कहा कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि मजदूर बलूचिस्तान के बाहर से थे और शहर में एक निजी निर्माण परियोजना में काम करते थे।
किसी भी समूह ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली
यह पहली बार नहीं है कि विभिन्न परियोजनाओं पर काम करने के लिए बलूचिस्तान आने वाले मजदूरों को अलगाववादी समूहों ने निशाना बनाया है। अभी तक किसी भी समूह ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।
सरकार द्वारा गैरकानूनी घोषित अलगाववादी समूहों ने अतीत में अक्सर प्रवासी मजदूरों, सरकारी और सुरक्षा प्रतिष्ठानों और अधिकारियों को निशाना बनाया है।
लगभग दो दशकों से, बलूचिस्तान राजधानी इस्लामाबाद में केंद्र सरकार से स्वतंत्रता की मांग करने वाले बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी और अन्य अलगाववादी समूहों द्वारा निम्न-स्तरीय विद्रोह का स्थल रहा है। बलूच अलगाववादी अक्सर पंजाब प्रांत के लोगों को भी निशाना बनाते हैं। पहले पंजाबी और सिंधी कार्यकर्ताओं को निशाना बनाया गया था।
हालांकि, सरकार का कहना है कि उसने उग्रवाद को खत्म कर दिया है, लेकिन प्रांत में हिंसा जारी है। इस क्षेत्र में इस्लामिक आतंकवादी भी सक्रिय हैं।