गैरसैंण (चमोली): ‘कल और आएंगे नगमों की खिलती कलियां चुनने वाले, मुझसे बेहतर कहने वाले, तुमसे बेहतर सुनने वाले…” पद्मश्री रचनाकार साहिर लुधियानवी की पंक्तियां गुनगुनाकर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने गैरसैंण को राजधानी बनाने का मुद्दा अगली पीढ़ी को सौंपने की बात कही।
पहाड़ को लेकर अपनी पीड़ा बयां करते हुए उन्होंने कहा कि मैंने अपने सामर्थ्य के अनुरूप पूरा प्रयास किया, कुछ आज भी दिख रहा है, लेकिन काफी कुछ बिखर गया है।
शनिवार को तय कार्यक्रम के अनुरूप पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ग्रीष्मकालीन राजधानी भराड़ीसैंण पहुंचे। वहां हरदा पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल, पूर्व राज्य सभा सदस्य प्रदीप टम्टा समेत कांग्रेस कार्यकर्त्ताओं के साथ विधानसभा गेट पर एक घंटे उपवास पर बैठे।
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इस दौरान हरीश रावत ने कहा कि बीते वर्ष उत्तराखंड सरकार की ओर से गैरसैंण में बजट सत्र आयोजित करने का निर्णय टालना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने अपनी पार्टी को भी गैरसैंण का मुद्दा लेकर चुनाव में उतरने की सलाह दी थी, जिस पर नहीं चलने का खामियाजा 2017 और 2022 में भुगतना पड़ा। इस अवसर पर पृथ्वीपाल सिंह, मुकेश नेगी, हरिकृष्ण भट्ट, संदीप पटवाल, कमल सिंह रावत, दान सिंह नेगी, सोबन सिंह आदि मौजूद रहे।
कार्यकर्त्ताओं और पुलिस में हुई नोकझोंक
पूर्व सीएम के काफिले को विधानसभा परिसर स्थित पुलिस कैंप के समीप रोकने को लेकर पुलिस व कांग्रेस कार्यकर्त्ताओं के बीच हल्की नोकझोंक हो गई। नौक -झोंक हुई।
हरीश रावत ने कहा कि पूर्व सीएम व पूर्व विधानसभा अध्यक्ष को विधानसभा परिसर में जाने से रोकने को लेकर वह आगामी विधानसभा सत्र के दौरान देहरादून में गिरफ्तारी देंगे। वहीं पुलिस ने उच्चाधिकारियों से मिले आदेशों का पालन करने की बात कही। इसके बाद सभी लोग विधानसभा के मुख्य द्वार पर ही उपवास पर बैठ गए।