गाजियाबाद। विरोधियों को फंसाने के लिए ट्रांसपोर्ट कंपनी के सुपरवाइजर ने अपना ही टैंकर लूटने की साजिश रच डाली। थाना वेव सिटी पुलिस ने सीसीटीवी कैमरों की फुटेज के आधार पर मामले का पर्दाफाश कर शनिवार को लूट में शामिल तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया, जबकि मुख्य साजिशकर्ता समेत चार सदस्य फरार हैं। पुलिस को ट्रांसपोर्टर पर भी शक है।
शिकायत से ही पुलिस को हो गया था शक
डीसीपी ग्रामीण रवि कुमार ने बताया कि गिरफ्तार आरोपित मथुरा के दलौता का उत्तम सिंह, छाता का हरिओम सिंह और फराह का नरेंद्र है। दलौता का ही दिगंबर, बृजेंद्र और पलवल के हंबीर व शिवी फरार हैं। मथुरा के ट्रांसपोर्टर भूपेंद्र ने 22 मार्च को सूचना दी थी कि ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे (ईपीई) पर डासना के पास सफारी कार सवार बदमाशों ने उनका टैंकर लूट लिया।
उनके सुपरवाइजर बृजेंद्र ने मथुरा के ही सौरभ व थान सिंह पर लूट का आरोप लगा शिकायत दी थी। कहा कि दोनों ने रंजिशन ऐसा किया है और मोबाइल भी लूट ले गए, जिस कारण चालक पुलिस को सूचना नहीं दे पाया। शिकायत से ही पुलिस को शक हो गया था।
फुटेज ने किया राजफाश
डीसीपी के मुताबिक घटना के बाद टैंकर दुहाई के पास से बरामद हो गया। सीसीटीवी कैमरों की फुटेज देखी घटनास्थल से ठीक पहले सफारी से दो व्यक्ति उतरते और एक्सप्रेसवे पर पैदल चलने लगे। इसके बाद सफारी ने कैंटर को ओवरटेक किया और दो बदमाशों के पिस्टल दिखाते ही चालक नरेंद्र कैंटर से उतरा और चुपचाप सफारी में बैठ गया। पीछे से पैदल आ रहे दोनों बदमाश टैंकर में बैठे, लेकिन दुहाई में टैकर खराब हो गया, जिस कारण बदमाश कैंटर छोड़कर फरार हो गए।
दिए थे 50 हजार रुपये
पुलिस के सख्ती करने पर नरेंद्र ने बताया कि बृजेंद्र ने उससे डासना के पास टैंकर रोकने और सफारी कार में बैठने के लिए कहा था। फुटेज आदि से पहचान कर पुलिस ने नरेंद्र के अलावा उत्तम व हरिओम को भी दबोच लिया। दोनों लूट के आरोप में पहले भी गिरफ्तार हो चुके हैं। दोनों ने बताया कि उन्हें दिगंबर ने बुलाया था और बृजेंद्र ने सफारी कार के मालिक एवं चालक दिगंबर को इस काम के लिए 50 हजार रुपये दिए थे।
पुलिस के मुताबिक सौरभ व थान पूर्व में भूपेंद्र के मुनीम थे। इस दौरान दोनों को बृजेंद्र से झगड़ा भी हुआ था। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के खिलाफ मारपीट का केस भी दर्ज कराया था। उत्तम के खिलाफ भी मथुरा में अपहरण कर फिरौती मांगने का केस दर्ज है। कैंटर में करीब 16 लाख का केमिकल था। बृजेंद्र ने अकेले ही लूट की साजिश रची थी ताकि सौरभ व थान को फंसाकर लाखों का माल और कैंटर भी मिल जाए। हालांकि पुलिस ने भूपेंद्र को अभी क्लीन चिट नहीं दी है।