नैनीताल हाईकोर्ट ने शुक्रवार को गंगा में अवैध खनन के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। इसके बाद कोर्ट ने प्रदेश सरकार को निर्देश दिए हैं कि दस दिन में प्रदेश स्तरीय निगरानी कमेटी बनाई जाए और उसमें पर्यावरणविद्, ब्यूरोक्रेट्स एवं न्यायिक जगत के सेवानिवृत्त व स्वतंत्र लोगों को शामिल किया जाए। कोर्ट ने रायवाला से भोगपुर तक खनन पर लगी रोक को अगली तिथि तक बढ़ा दिया है। साथ ही सरकार को 10 दिन में रिपोर्ट पेश करने को कहा है।
राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि कमेटी का गठन कर दिया गया है। इसमें जिला स्तरीय अधिकारी शामिल हैं। कोर्ट सरकार की ओर से गठित कमेटी से संतुष्ट नजर नहीं आई और प्रदेश सरकार को निर्देश दिए कि दोबारा से प्रदेश स्तरीय निगरानी कमेटी बनाई जाए और उसमें पर्यावरणविद्, ब्यूरोक्रेट्स एवं न्यायिक जगत के सेवानिवृत्त लोगों को शामिल किया जाए।
Aaj ka Panchang: सर्वार्थ सिद्धि योग में होगी अक्षय तृतीया की पूजा, पढ़ें पंचांग
मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी एवं न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार हरिद्वार की मातृ सदन व अन्य ने जनहित याचिकाएं दायर कर कहा था कि गंगा में रायवाला से भोगपुर के बीच अवैध खनन हो रहा है जिस पर रोक लगाई जाए।