वाराणसी के कर्णघंटा काशी पुरा निवासी ऋषभ सेठ (32) पुत्र द्वारिका सेठ ने सोमवार को फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। ऋषभ चौके थाने का हिस्ट्रीशीटर था। खुदकुशी का कारण साफ नहीं है। मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। पांच साल पहले उसने प्रेम विवाह किया था। पुलिस के मुताबिक, घरेलू कलह से तंग आकर ऋषभ ने ऐसा आत्मघाती कदम उठाया। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
चौक थाना क्षेत्र के कर्णंघंटा काशीपुरा निवासी द्वारिका सेठ का चार मंजिला मकान है। मकान के चौथे मंजिल के कमरे में बेटा ऋषभ सेठ 32 वर्ष सुबह देर तक नहीं उठा। कुछ देर बाद परिजन उसे जगाने पहुंचे तो पंखे की कुंडी में रस्सी के सहारे फंदे पर लटकता देख चीखने चिल्लाने लगे।
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इस बीच पिता द्वारिका सेठ ने चौक पुलिस को घटना की सूचना दी। मौके पर पहुंचे चौक इंस्पेक्टर शिवाकांत मिश्रा और फॉरेंसिक टीम ने छानबीन शुरू की। इंस्पेक्टर शिवाकांत के अनुसार पुलिस जब पहुंची तो ऋषभ का शव नीचे फर्श पर रखा हुआ था। कमरे को फॉरेंसिक टीम ने खंगाला। किसी तरह का कोई सुसाइड नोट नहीं बरामद हुआ।
चौक इंस्पेक्टर शिवाकांत मिश्रा ने बताया कि पांच सितंबर 2019 से ऋषभ चौक थाने का हिस्ट्रीशीटर था। उसके खिलाफ विभिन्न थानों में कुल नौ मुकदमे दर्ज हैं। परिजनों से पूछताछ में मालूम चला कि ऋषभ ने 2018 में शिप्रा से प्रेम विवाह किया था। दोनों की संतान नहीं है।परिजनों ने दबी जुबान से बताया कि पति और पत्नी के बीच इधर कुछ दिनों से विवाद चल रहा था।