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UPI पर ट्रांजेक्शन फीस लगी तो 75% यूजर्स बंद कर देंगे इसके जरिए लेनदेन, आपका क्या इरादा है?

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भारत में यूपीआई (UPI) ने तेजी से अपनी जगह बनाई है. पेमेंट करने का यह सुविधाजनक साधन अब पूरे देश में फैल चुका है. इसके अलावा अब दुनिया के कई देश भी इस सिस्टम को अपनाते जा रहे हैं. हर महीने तेजी से यूपीआई ट्रांजेक्शन (UPI Transaction) बढ़ते ही जा रहे हैं. इससे लोगों द्वारा कैश का इस्तेमाल तेजी से कम हुआ है. अब एक सर्वे से चौंकाने वाली बात सामने आई है. इसके अनुसार, अगर यूपीआई ट्रांजेक्शन पर फीस (UPI Transaction Fees) लगाई जाती है तो करीब 75 फीसदी इसका इस्तेमाल बंद कर दंगे.

यूपीआई ट्रांजेक्शन पर किसी भी तरह की फीस बर्दाश्त नहीं

लोकल सर्कल्स (Localcircles) की रिपोर्ट के आधार पर बिजनेस स्टैंडर्ड ने रविवार को दावा किया है कि लोगों को यूपीआई ट्रांजेक्शन पर किसी भी तरह की फीस बर्दाश्त नहीं है. सर्वे से पता चला है कि करीब 37 फीसदी लोग अपने कुल खर्च का 50 फीसदी यूपीआई के जरिए खर्च कर रहे हैं. डिजिटल ट्रांजेक्शन (Digital Transaction) के लिए अब क्रेडिट कार्ड (Credit Card) और डेबिट कार्ड (Debit Card) का इस्तेमाल भी कम हो गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि सिर्फ 22 फीसदी लोग ही यूपीआई ट्रांजेक्शन पर फीस चुकाने को तैयार हैं. मगर, 75 फीसदी से ज्यादा इसके सख्त खिलाफ हैं. इस सर्वे में 308 जिलों के करीब 42 हजार लोगों से सवाल किए गए थे.

यूपीआई ट्रांजेक्शन और लेनदेन की रकम हुई दोगुनी 

नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2023-24 में पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले यूपीआई ट्रांजेक्शन की संख्या में 57 फीसदी और लेनदेन की रकम में 44 फीसदी उछाल आई है. पहली बार यूपीआई ट्रांजेक्शन का आंकड़ा 131 अरब को पार कर गया है. वित्त वर्ष 2022-23 में यह आंकड़ा 84 अरब रहा था. मूल्य के हिसाब से देखें तो पिछले वित्त वर्ष में यह आंकड़ा 199.89 ट्रिलियन रुपये पर पहुंच गया है, जो कि वित्त वर्ष 2022-23 में 139.1 ट्रिलियन रुपये था.

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वित्त मंत्रालय और आरबीआई को भेजी जाएगी रिपोर्ट 

यह सर्वे 15 जुलाई से 20 सितंबर के बीच ऑनलाइन किया गया था. सर्वे के मुताबिक, यूपीआई तेजी से हर 10 में से 4 यूजर्स की जिंदगी का अभिन्न अंग बन गया है. वह किसी भी प्रकार की डायरेक्ट या इनडायरेक्ट फीस लगाए जाने का कड़ा विरोध कर रहे हैं. लोकल सर्कल्स ने कहा है कि वह सर्वे के रिजल्ट को वित्त मंत्रालय (Ministry of Finance) और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) को भी देगा.

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