नोएडा। नौकरी दिलाने और समलैंगिक संबंध बनाने का झांसा देकर युवकों की जबरन अश्लील वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करने वाले गिरोह का फेज दो थाना पुलिस टीम ने रविवार को राजफाश किया। तीन आरोपितों को थाना क्षेत्र के बस अड्डे से गिरफ्तार किया। पुलिस गिरोह से जुड़े अन्य आरोपितों का पता लगाने में जुटी है। उधर, पुलिस टीम के चौथे आरोपित के नजदीक होने की चर्चा है। पुलिस आरोपितों के वारदात करने और अपराधिक इतिहास का भी पता लगाने में जुटी है।
20 मार्च को याकूबपुर गांव के एक युवक के पास नौकरी के लिए कॉल आई थी। कॉल करने वालों ने इलाहाबास गांव में एक घर में बुलाया था। आरोपितों ने युवक के साथ जबरन अश्लील हरकत की थी और उसका वीडियो भी बना लिया था। युवक की वीडियो प्रसारित कर बदनाम करने के एवज 2500 रुपये ले लिये थे और बाद में फोन कर धनराशि की मांग कर रहे थे। पीड़ित ने वीडियो डिलीट करने एवज में 1500 रुपये और दे दिए लेकिन आरोपितों का ब्लैकमेल करना जारी रहा।
नोएडा भागने के दौरान आरोपितों को पकड़ा
आत्महत्या करने को मजबूर करने और पुलिस से शिकायत करने पर जान से मारने की धमकी दी तो युवक डर गया। वह शनिवार को पुलिस के पास गया और आपबीती सुनाई। पुलिस ने भरोसा दिलाया तो ओमेंद्र का विश्वास जगा और आरोपितों के खिलाफ थाने में मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस टीम आरोपितों की तलाश में जुट गईं। रविवार को टीम ने आरोपितों के नोएडा से भागने के दौरान धर लिया।
फैक्ट्री में काम करनेवाले युवकों को बनाता था शिकार
डीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि बुलंदशहर अनूपशहर के संदीप सिंह और विष्णु और डिबाई के राहुल रूप में हुई। वर्तमान में तीनों इलाहाबास गांव में किराये पर कमरा लेकर रह रहे थे। तीनों इंटर पास हैं। पूछताछ में बताया कि वह फैक्ट्री व कंपनियों में काम करने वाले युवकों के संपर्क में आते थे। युवकों के नंबर निकालकर संपर्क करते और नौकरी लगवाने का झांसा देते थे।
इंटरव्यू के बाहने कमरे में बनाता था अश्लील वीडियो
इच्छुक युवकों को साक्षात्कार के बहाने कमरे में बुलाते थे। आरोपित जबरन अश्लील वीडियो बना लेते थे और वीडियो प्रसारित कर बदनामी की बात कहकर डराते थे और इतना डराते थे कि बदनामी होने पर आत्महत्या करने जैसी तक नौबत आ जाए। इसके एवज में धनराशि ऐंठते थे और इंटरनेट कॉलिंग को प्राथमिकता देते थे। युवक को आत्महत्या करने के लिए भी मजबूर करते थे।
सबूत न मिले इसलिए आरोपी नकद में लेते थे रुपये
उधर, आरोपितों के मोबाइल पर पीड़ित युवक का आपत्तिजनक वीडियो मिला है। आरोपित नकद में ही धनराशि लेते थे ताकि पकड़ में नहीं आएं। आरोपितों के एनसीआर में सक्रिय होने का अंदेशा जताया जा रहा है। पुलिस मेरठ के मामले और वहां के गिरोह से भी जोड़कर घटना को देख रही है।