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आपको है हाइपोथायरायडिज्म तो भूलकर भी ना खाएं ये फूड्स, जानें इस बीमारी में कैसी होनी चाहिए डाइट

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नई दिल्ली। Hypothyroidism Diet: थायराइड हमारे शरीर में पाई जाने वाली अंतःस्त्रावी ग्रंथियों में से एक है, जिसका आकार तितली की तरह होता है। इस वजह से इसे बटरफ्लाई ग्लैंड भी कहा जाता है। यह ग्लैंड बॉडी में कई तरह की चयापचय प्रक्रियाओं को कंट्रोल करने का काम करती है। थायराइड की वजह से घेंघा जैसी छोटी बीमारी से लेकर कैंसर तक की प्रॉब्लम हो सकती है। ये दो प्रकार का होता है।

1. हाइपरथायरायडिज्म या अतिसक्रीय थायराइड (Hyperthyroidism)

2. हाइपोथायरायडिज्म या अंडरएक्टिव थायरॉयड (Hypothyroidism)

लेकिन आज हम यहां हाइपोथायरायडिज्म के बारे में बात करने वाले हैं।

क्या है हाइपोथायरायडिज़्म?

हाइपोथायरायडिज्म में व्यक्ति की थायरॉयड ग्रंथि, बॉडी के कई फंक्शन्स के लिए जरूरी थायराइड हार्मोन का उत्पादन नहीं कर पाती है। जिससे कई तरह की शारीरिक समस्याएं उत्पन्न होने लगती हैं। हाइपोथायरायडिज्म को अंडरएक्टिव थायराइड के नाम से भी कहा जाता है। यह पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं में ज्यादा देखने को मिलता है।

हाइपोथायरायडिज्म में न खाएं ये चीज़ें

1. आयोडीन रिच फूड्स से करें परहेज

हाइपोथायरायडिज्म की प्रॉब्लम आयोडीन की कमी की वजह से भी हो सकती है। तो ऐसे में डॉक्टर्स आयोडीन युक्त नमक के साथ आयोडीन से भरपूर चीज़ों की भी खाने की सलाह देते हैं लेकिन इसके ज्यादा मात्रा में सेवन से भी कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं जिसमें से एक है थायराइड ग्लैंड की एक्टिविटी स्लो हो जाती है।

2. जंक फूड करें अवॉयड

जंक फूड किसी भी तरह से हेल्थ के लिए सही नहीं होते, तो इन्हें पूरी तरह से अपनी डाइट से आउट कर दें। जंक के अलावा पैक्ड फूड आइटम्स खाने से भी बचें।

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3. कॉफी और चाय से तौबा

बहुत ज्यादा कॉफी, चाय पीना भी हाइपोथायरायडिज्म से पीड़ित लोगों के लिए सही नहीं। क्योंकि कैफीन की रोजाना 300 मिलीग्राम से ज्यादा मात्रा में सेवन से (या 2-3 नियमित कॉफी) थायरॉइड की समस्या को बढ़ा सकती है।

4. सोया

रिसर्च में पता चला है कि सोयाबीन और सोया युक्त फूड आइटम्स में फाइटोएस्ट्रोजन मौजूद होता है, जो उन एंजाइम के फंक्शन्स में बाधा डाल सकते हैं, जो थायराइड हार्मोन का निर्माण करते है।

5. सीमित मात्रा में करें आयरन और कैल्शियम का सेवन

इन सबके अलावा कैल्शियम और आयरन रिच फूड्स का ज्यादा सेवन भी कई सारी थायराइड दवाओं के असर को कम कर सकता है। इसलिए सीमित मात्रा में ही इनका सेवन करें।

हाइपोथायरायडिज्म के लक्षण

– थकान

– कब्ज

– बाल झड़ना और रूखापन

– वजन बढ़ना

– स्किन ड्रायनेस

– बहुत ज्यादा ठंड लगना

– जोड़ों में दर्द और जकड़न

– पीरियड्स अनियमित रहना

– डिप्रेशन

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