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Ghaziabad News: आयत पढ़ोगे तो ऑनलाइन गेम में लगातार मिलेगी जीत

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गाजियाबाद। अब्दुल की गिरफ्तारी के साथ ही पुलिस ने आनलाइन गेमिंग एप के जरिए मतांतरण नहीं बल्कि वर्चुअल मतांतरण के खेल का पर्दाफाश किया है, जो देश के युवाओं को निशाना बना रहा है। अभी तक मतांतरण कराने वालों का खतने पर जोर रहता था।

साथ ही उक्त व्यक्ति का नाम भी बदला जाता था, लेकिन गेमिंग एप के जरिए मतांतरण कराने वाले गिरोह को इससे कोई लेना-देना नहीं है।

ऑनलाइन गेम खेलने वालों को निशाना बना रहे इस संगठित गिरोह का उद्देश्य है कि युवा पांचों वक्त का नमाजी बन जाए और कट्टरवादी सोच के साथ दूसरों को भी इसके लिए उकसाए।

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अमेरिकी कंपनी एपिक गेम्स के आनलाइन प्लेटफार्म पर छात्र की गेम खेलने की हिस्ट्री के विश्लेषण के बाद पुलिस ने यह दावा किया है। छात्र एपिक गेम्स के प्लेटफार्म पर फोर्ट नाइट गेम खेलता था और इसी के मैसेंजर डिस्कार्ड पर बद्दो से चैटिंग करता था।

साजिश के हैं तीन अलग-अलग चरण

एसीपी कविनगर अभिषेक श्रीवास्तव ने बताया कि तीन अलग-अलग चरणों में न सिर्फ युवाओं का मतांतरण कराया जा रहा है, उन्हें कट्टर भी बनाया जाता है।

यही वजह है कि 12वीं पास छात्र का मतांतरण कराने के बाद यह गिरोह अन्य के मतांतरण में भी उसे हथियार के रूप में प्रयोग कर रहा था।

पुलिस की छानबीन में यह पुष्ट हो चुका है। नन्नी से छात्र के जरिए फरीदाबाद के किशोर को दिल्ली की जामा मस्जिद बुलवाया था ताकि यह पुष्ट हो सके कि वह नमाज पढ़ रहा है। हालांकि, किशोर को उसकी मां ने नहीं जाने दिया था।

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आयत पढ़ो और लेवल पास करो

ऑनलाइन गेम खेलने वाले युवा इसमें इस हद तक जुड़े होते हैं कि लेवल पास करने के लिए बूस्टर व गेम टूल्स खरीदने के नाम पर लाखों रुपये की ठगी का शिकार हो चुके हैं।

मतांतरण कराने वाले अपने नापाक इरादे इन्हीं युवाओं के जरिए पूरे कर रहे हैं। गेम खेलते हुए लेवल पार न करने वाले युवाओं को हिंदू नाम वाली आइडी से पर्सनल चैट पर कुरान की आयत भेजते हैं कि इसे पढ़ोगे तो लेवल पार हो जाएगा।

कुछ लेवल पार कर लेते तो उनका इस्लाम में विश्वास पुख्ता हो जाता है। बाकी को दोबारा आयत भेजते और कहते कि इबादत के लिए कुछ खर्च भी करो, जिसके एवज में लेवल पार करने के लिए टूल भी मिलेगा।

नमाज पढ़ने की पुष्टि करते

इसके बाद युवाओं से मैसेंजर पर बुलाकर उन्हें इस्लाम का इतिहास और पैगंबर के बारे में बताया जाता था। शुरुआत नमाज पढ़ने के फायदों से करते।

नमाज पढ़ने के लिए अपने आसपास की मस्जिद में जाने को कहते और पुष्टि के लिए फोटो व लोकेशन भी मंगवाते हैं।

भड़काऊ वीडियो से कट्टर बनाते

नियमित रूप से नमाज पढ़ने की शुरुआत के बाद भारत में प्रतिबंधित जाकिर नाइक और डा. तारिक जमील के नफरती वीडियो वाट्सएप या इंस्टाग्राम पर भेजते, जिनमें दूसरे धर्मों के बारे में काफी बुरा-भला कहा जाता है और इस्लाम का महिमामंडन होता है।

युवाओं में अन्य धर्मों के प्रति नफरत भरने और इस्लाम के प्रति कट्टर बनाने का उद्देश्य होता है।

इमाम व कमेटी को क्लीन चिट नहीं

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डीसीपी ने बताया कि इमाम मेहताब आलम कासमी और मस्जिद कमेटी के अन्य सदस्यों को फिलहाल क्लीन चिट नहीं दी गई है।

अब्दुल की गिरफ्तारी के बाद इमाम ने कहा कि उसे दो माह पूर्व ही कमेटी से निकाला जा चुका है, लेकिन मस्जिद कमेटी के वाट्सएप ग्रुप से बाहर निकालने के ही साक्ष्य मिले हैं।

कमेटी ने पुलिस को छात्र व युवक के नमाज पढ़ने के बारे में बताया था। यह सूचना भी छात्र के स्वजन के इमाम से पूछताछ करने के बाद दी गई।

बद्दो से अब्दुल की बातचीत के साक्ष्य फिलहाल नहीं मिले हैं, लेकिन पुलिस उसके भाई के साइबर कैफे के कंप्यूटरों की भी छानबीन करेगी। इस कैफे को अब्दुल ही चलाता है। अंदेशा है कि वह मोबाइल के बजाय कैफे के जरिए ही बद्दो के संपर्क में हो।

छात्र समेत चार का काराया मतांतरण

12वीं पास छात्र के मतांतरण के मामले में गाजियाबाद पुलिस ने संजयनगर सेक्टर-23 स्थित जामा मस्जिद की कमेटी के सदस्य अब्दुल रहमान उर्फ नन्नी को गिरफ्तार किया है।

छात्र के अलावा दो किशोर और एक युवक को मतांतरण कराने के साक्ष्य मिले हैं। अभी तक मतांतरण के प्रयास का मामला मानकर चल रही पुलिस ने उसको मतांतरण कराने का आरोपित बनाया है, क्योंकि चारों ही नियमित रूप से नमाज पढ़ने जाते थे।

डीसीपी नगर निपुण अग्रवाल ने बताया कि अब्दुल रहमान को उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम 2021 की धाराओं में गिरफ्तार किया है।

छात्र के मोबाइल में से मिले सात नंबरों में से एक नंबर अब्दुल का भी था। छात्र और संजयनगर के युवक से करीब सात-आठ माह पूर्व वह जामा मस्जिद में ही मिला था।

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यह जानते हुए दोनों गैर मजहब के हैं, अब्दुल ने वाट्सएप पर इन्हें इस्लामिक सामग्री भेजनी शुरू कर दी। वह दोनों को इनके अपने धर्म के बारे में भड़काता था और नमाज जरूर पढ़ने का दबाव भी बनाता था।

छात्र ने ही फरीदाबाद और चंडीगढ़ के दो किशोरों का नंबर नन्नी को दिया था, जिनसे छात्र गेमिंग एप के जरिए जुड़ा था।

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