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टाइप- 2 डायबिटीज़ को करना चाहते हैं कंट्रोल तो लाइफस्टाइल में करें ये बदलाव

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नई दिल्ली: डायबिटीज बहुत ही गंभीर बीमारी है चाहे वो टाइप-1 हो या फिर टाइप-2। बस फर्क इतना है कि जहां टाइप-1 डायबिटीज़ को कंट्रोल में रखने के लिए दवाओं और बाहर से इंसुलिन का सहरा लेना पड़ता है तो वहीं टाइप-2 को कंट्रोल करना काफी हद तक हमारे हाथ में है। जी हां, लाइफस्टाइल और डाइट में जरूरी बदलावों से टाइप-2 डायबिटीज़ को आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है।

1. एक्सरसाइज करना है जरूरी

एक्सरसाइज करने से कोशिकाओं की इंसुलिन सेंसिटविटी बढ़ जाती है जिससे ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है। नॉर्मल एक्सरसाइज से जहां इंसुलिन की सेंसिटिविटी 51% तो वहीं हाई इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग (HIIT) ये 85% तक बढ़ती है। तो डायबिटीज को कंट्रोल में रखने के लिए ऐसी एक्सरसाइज़ चुनें जिससे हफ्ते भर में कम से कम 2000 कैलोरी बर्न कर सकें। साइकिलिंग, रनिंग, स्वीमिंग, एरोबिक्स इसके लिए परफेक्ट ऑप्शन्स हैं।

2. धूप सेकें

रिसर्च के अनुसार ब्लड शुगर मेनटेन रखने में विटामिन डी का रोल भी बहुत खास होता है। विटामिन डी की कमी वाले लोगों में डायबिटीज होने की संभावना ज्यादा होती है। एक रिपोर्ट के मुताबिक विटामिन डी टाइप-2 डायबिटीज़ के खतरे को 43% तक घटा देती है। विटामिन डी का सबसे अच्छा स्त्रोत सुबह की धूप होती है। हफ्ते में दो से तीन बार कम से कम 30 मिनट तक धूप में जरूर बिताएं। इसके अलावा दही, संतरे, मछली और अंडे से भी आप इसकी कमी को पूरा कर सकते हैं।

3. फाइबर से भरपूर चीज़ें खाएं

फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन से हम कई समस्याओं से लंबे समय तक बचे रह सकते हैं। वजन घटाने में तो फाइबर रिच फूड्स फायदेमंद होते ही हैं साथ ही इससे ब्लड शुगर लेवल का स्तर भी सही रहता है। दरअसल हमारे पाचन तंत्र में फाइबर और पानी मिलकर एक जेल बनाने का काम करते हैं, जो भोजन के पाचन को आसान बना देता है और इससे शुगर का लेवल भी एकदम से नहीं बढ़ता। साबुत अनाज, फल, दलिया, हरी मटर इन सभी में फाइबर अच्छी-खासी मात्रा में शामिल होता है।

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4. ग्रीन टी और ब्लैक कॉफी भी है फायदेमंद

ग्रीन टी पीना भी सेहत को कई तरीकों से फायदा पहुंचाता है। इसमें एपिगैलोकैटेचिन गैलेट नाम का एंटीऑक्सीडेंट मौजूद होता है जो इंसुलिन संवेदनशीलता को बढ़ाने का काम करता है। तो वहीं ब्लैक कॉफी में पॉलीफेनोल्स नामक एंटीऑक्सीडेंट भी यही काम करता है। इसके अलावा इन दोनों में कैफी भी पाया जाता है, जिससे डाइजेशन से जुड़ी समस्याएं दूर रहती हैं और वजन कंट्रोल में रहता है।

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