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दिल्ली जिमखाना क्लब मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा, ट्रिब्यूनल को निष्क्रिय घोषित करने का समय आ गया है

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि दिल्ली जिमखाना क्लब में चुनाव कराए जाएं। उसका प्रशासक हमेशा बना नहीं रह सकता। इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने नेशनल कंपनी ला ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) को इस मामले में प्रक्रिया पूरी करने के लिए चार हफ्ते का समय दे दिया।

जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस सीटी रविकुमार की पीठ ने केंद्र सरकार की ओर से पेश सालिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा, ‘किसी भी समय चुनाव कराए जाएं, इसमें क्या मुश्किल है.. प्रशासक हमेशा बना नहीं रह सकता। चुनाव तो कराने होंगे। बिना चुनावों के एसोसिएशन नहीं हो सकतीं।’ दिल्ली जिमखाना क्लब के सदस्यों की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता नीरज किशन कौल ने सुप्रीम कोर्ट के ही पिछले साल 30 सितंबर के आदेश का हवाला दिया। इसमें शीर्ष अदालत ने एनसीएलटी को पूरे मामले पर चार महीने में फैसला लेने का निर्देश दिया था। अगर इस अवधि में फैसला नहीं हुआ तो निर्वाचित समिति को स्थापित करने के लिए प्रशासक को चुनाव कराने चाहिए।

कौल ने कहा कि चार महीने का समय फरवरी में पूरा हो चुका है, लेकिन प्रशासक चुनाव कराने के लिए तैयार नहीं हैं। उन्होंने कहा कि कुशासन के आरोपों पर फैसला उचित फोरम को लेना चाहिए और इससे क्लब में चुनाव कराने की प्रक्रिया में बाधा नहीं आनी चाहिए। जस्टिस खानविलकर ने तुषार मेहता से कहा कि पिछले साल सितंबर में स्व-संचालित आदेश जारी किया गया था। मेहता ने अदालत से अनुरोध किया कि एनसीएलटी को प्रक्रिया पूरी करने के लिए दो हफ्ते का समय दिया जाए।

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एडिशनल सालिसिटर जनरल केएम नटराज ने कहा कि अवैध सदस्यता के भी आरोप हैं और वे सदस्य भी चुनाव में मतदान करेंगे। सुनवाई खत्म करते हुए जस्टिस खानविलकर ने कहा, ‘यह स्पष्ट होना चाहिए कि अगर ट्रिब्यूनल प्रक्रिया (चार हफ्ते में) पूरी करने में अक्षम रहता है तो स्व-संचालित आदेश लागू होगा और प्रशासक को चुनाव कराकर समिति स्थापित करनी होगी।’ पीठ ने स्पष्ट किया कि ट्रिब्यूनल द्वारा प्रक्रिया पूरी करने के लिए समयसीमा बढ़ाने का केंद्र का कोई अनुरोध स्वीकार नहीं किया जाएगा।

‘समय आ गया है जब ट्रिब्यूनल्स को निष्कि्रय घोषित किया जाए’

सुनवाई के दौरान जब सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि रिक्तियों की वजह से ट्रिब्यूनल इस मामले में सुनवाई पूरी नहीं कर सका तो पीठ ने बेहद सख्त लहजे में सालिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा, ‘आप रिक्तियां बनाए रखते हैं। ट्रिब्यूनल्स में काम करने के लिए अधिकारी नहीं हैं। यही समस्या है। नामों की सिफारिश की जाती है, लेकिन कोई नहीं जानता कि उन्हें मंजूरी क्यों नहीं दी जाती। कोई समयसीमा ही नहीं है। समय आ गया है जब ट्रिब्यूनल्स को निष्कि्रय घोषित कर दिया जाए।’

सदस्यों ने किया स्वागत

दिल्ली जिमखाना क्लब के सदस्यों ने सुप्रीम कोर्ट के रुख का स्वागत किया है। क्लब के पूर्व प्रेसीडेंट एयर मार्शल (सेवानिवृत्त) पीएस अहलूवालिया ने कहा कि क्लब पूरी तरह सदस्यों द्वारा वित्तपोषित है और इसे सरकार, कारपोरेट या लोगों से कोई धनराशि नहीं मिलती। लिहाजा यह जरूरी है कि क्लब के सदस्य अपनी गवर्निग बाडी का चुनाव करें।

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