कोलंबो। श्रीलंकाई लोगों को भोजन और ईंधन सहित आवश्यक वस्तुओं की अत्यधिक कमी का सामना कर रहे हैं। देश आर्थिक बदहाली के दौर से गुजर रहा है। ऐसे में भारत लगातार श्रीलंका की मदद कर रहा है। इसी कड़ी में भारत ने सोमवार को संकटग्रस्त पड़ोसी श्रीलंका को 21,000 टन उर्वरक सौंपा। यकीनन इस कदम से एक तरफ जहां पड़ोसी देश के किसानों को मदद मिलेगी। वहीं दूसरी तरफ दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध भी मजबूत होंगे।
श्रीलंका के कोलंबो में भारतीय उच्चायोग ने ट्वीट कर कहा
आपको बता दें कि हाल के महीनों में श्रीलंका को भारत द्वारा दी गई यह इस तरह की दूसरी सहायता है। श्रीलंका के कोलंबो में भारतीय उच्चायोग ने ट्वीट कर कहा, ‘दोस्ती और सहयोग के रिश्ते को आगे बढ़ाते हुए। उच्चायुक्त गोपाल बागले ने भारत के विशेष समर्थन के तहत औपचारिक रूप से श्रीलंका के लोगों को 21,000 टन उर्वरक की आपूर्ति की है।’
भारत के उच्चायोग ने अपनी बात में आगे जोड़ते हुए कहा, ‘इससे पहले पिछले महीने 44,000 टन की आपूर्ति की गई थी। यह आपूर्ति 2022 में भारत द्वारा कुल चार अरब डॉलर की सहायता के तहत की गई थी।’ उन्होंने कहा, ‘उर्वरक आपूर्ति से खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा और श्रीलंका के किसानों को मदद मिलेगी। यह कदम भारत के साथ घनिष्ठ संबंधों और भारत तथा श्रीलंका के बीच आपसी विश्वास और सद्भावना को दर्शाता है।’
बता दें कि भारत ने मई में श्रीलंका को मौजूदा कृषि सत्र में किसी व्यवधान से बचने के लिए 65,000 टन यूरिया की आपूर्ति करने का आश्वासन दिया था।
2022 की शुरुआत के बाद से, श्रीलंका आर्थिक मार झेल रहा है। देश की सरकार ने अपने विदेशी ऋणों को चुकाने में असमर्थ है। वहीं संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी कि 5.7 मिलियन लोगों को ‘तत्काल मानवीय सहायता की आवश्यकता है।’
श्रीलंकाई लोग भोजन और ईंधन की कमी के साथ एक गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। COVID-19 महामारी की शुरुआत के बाद से अर्थव्यवस्था एक मुक्त गिरावट में है। श्रीलंका को विदेशी मुद्रा की कमी का भी सामना करना पड़ रहा है, जिसने संयोग से, खाद्य और ईंधन आयात करने की उसकी क्षमता को प्रभावित किया है, जिससे देश में बिजली कटौती हुई है वह अन्य समस्याएं शामिल हैं।