नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की इसी माह प्रस्तावित अमेरिका यात्रा की तैयारियों के बीच रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को अमेरिका से एमक्यू-9बी प्रीडेटर ड्रोन खरीदने के सौदे को मंजूरी दे दी। तीन अरब डॉलर यानी लगभग 24 हजार करोड़ रुपये के इस समझौते के तहत 30 प्रीडेटर ड्रोन खरीद जाएंगे। इस पर अब अंतिम फैसला सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीएस) द्वारा लिया जाएगा।
इन ड्रोन को खासतौर पर चीन और पाकिस्तान की हरकतों पर नजर रखने के लिए तैनात किया जाएगा। यहां बता दें कि एमक्यू-9बी ड्रोन एमक्यू-9 ‘रीपर’ का वैरिएंट है, जिसका उपयोग हेलफायर मिसाइल के एक संशोधित स्वरूप का इस्तेमाल करने में किया जाता है।
एमक्यू-9बी के दो वैरिएंट हैं-स्काई गार्जियन और सी गार्जियन। गुरुवार को एमक्यू-9बी सी गार्जियन की खरीद को मंजूरी दी गई है। रक्षा सूत्रों ने बताया कि प्रीडेटर ड्रोन के सौदे को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई रक्षा खरीद परिषद (डीएसी) की बैठक में मंजूरी दे दी गई।
थल सेना और वायु सेना को मिलेंगे आठ-आठ ड्रोन
रक्षा खरीद पर निर्णय लेने के लिए डीएसी रक्षा मंत्रालय में सर्वोच्च निकाय है। सीसीएस द्वारा उस पर अंतिम स्वीकृति दी जाती है। भारतीय नौसेना को इस सौदे से सबसे ज्यादा फायदा होगा। उसे निगरानी के लिए कुल 14 ड्रोन दिए जाएंगे।
इसके अलावा थल सेना और वायु सेना को आठ-आठ ड्रोन मिलेंगे। अमेरिका और इजराइल के अलावा किसी और के पास इतने बेहतरीन और आधुनिक ड्रोन नहीं हैं। बता दें कि पीएम मोदी 21 से 24 जून तक अमेरिका के दौरे पर जाने वाले हैं। वहां व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन उनकी मेजबानी करेंगे।
प्रीडेटर ड्रोन की खूबी
हंटर किलर यूएवी श्रेणी के इस मानवरहित ड्रोन की सबसे बड़ी खासियत यह है कि दुश्मन को इसके आने-जाने की भनक तक नहीं लगती। इस ड्रोन के पंखों की लंबाई 20 मीटर है जबकि इसकी लंबाई 11 मीटर है। यह ड्रोन 35 घंटे तक लगातार उड़ान भर सकता है।
हवा में 444 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से यह उड़ सकता है। ये 50 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है। ड्रोन हेलफायर मिसाइल व बम समेत 1746 किलो के वजन को अपने साथ लेकर उड़ने की क्षमता रखता है। एक बार उड़ान भरने के बाद यह करीब 1900 किलोमीटर तक निगरानी कर सकता है।
अन्य ड्रोन की तुलना में अधिक दूरी तक उड़ान भरने और किसी भी एयरक्राफ्ट की तुलना में मिशन को सफल बनाने में अधिक सक्षम है। दिन हो या रात, स्काई गार्जियन और सी गार्जियन की मदद से यह किसी भी हालात में पूरी गति से साफ वीडियो प्राप्त कर सकता है।
जानिये क्यों जरूरी है भारत के लिए ये ड्रोन
एमक्यू-9बी ड्रोन को भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा जरूरतों की दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। वर्तमान में भारत के अपने पड़ोसी देशों चीन और पाकिस्तान से रिश्ते तनावपूर्ण हैं। इस लिजाज से ये ड्रोन मिलने से सेना की ताकत बढ़ेगी।
इससे चीन के साथ लगती वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत के निगरानी तंत्र में बड़ा बदलाव आएगा। चीजों पर बारीकी से निगरानी रखी जा सकेगी। भारतीय नौसेना इसके जरिये ¨हद महासागर में गतिविधियों पर भी पैनी नजर रख सकेगी।
एमक्यू-9बी ड्रोन के जरिए हुई थी आतंकी सुलेमानी की हत्या
इसी ड्रोन की मदद से अमेरिका ने मार गिराए थे आतंकी सुलेमानी और जवाहिरी अमेरिका ने तीन जनवरी 2020 को बगदाद हवाई अड्डे पर एमक्यू-9 ड्रोन के जरिये मिसाइल हमले में ईरानी कुद्स फोर्स के कमांडर कासिम सुलेमानी और इराकी पॉपुलर मोबिलाइजेशन फोर्स के डिप्टी कमांडर अबू महदी अल-मुहांडिस को मार गिराया था।
यही नहीं, इसी ड्रोन से अमेरिका ने अगस्त 2022 में अफगानिस्तान के काबुल में अलकायदा के सरगना अयमान अल जवाहिरी को ढेर किया था। इस ड्रोन से हेलफायर आरएक्स-9 मिसाइल दागी गई। इसने एकदम सटीक निशाना साधा।