नई दिल्ली: पाकिस्तान ने जम्मू और अन्य तीन राज्यों में किए गए हमलों से खुद को मुश्किल में डाल लिया है. पाकिस्तान के हमलों का भारत ने जो जवाब दिया है, उसकी उम्मीद पाकिस्तानी सरकार ने नहीं की थी. इस बीच खबर आ रही है कि भारतीय नौसेना की युद्धपोत INS विक्रांत ने कराची बंदरगाह के महत्वपूर्ण स्थानों पर जोरदार हमला किया है. इस हमले से बड़े नुकसान की खबर है, हालांकि अभी इसकी पुष्टि नहीं हुई है.
1971 के बाद पहली बार भारतीय नौसेना ने कराची पर किया हमला
अगर नौसेना ने ऐसा हमला किया है, तो 1971 के बाद पहली बार भारतीय नौसेना ने कराची जैसे रणनीतिक शहर पर हमला किया है. कराची को पाकिस्तान की आर्थिक राजधानी और दिल माना जाता है. मीडिया रिपोर्ट्स में सैन्य सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि INS विक्रांत और अन्य नौसेना युद्धपोतों ने रात के अंधेरे में कराची के नौसेना बेस, ईंधन डिपो और सैन्य संपर्क केंद्रों को निशाना बनाया. बताया जा रहा है कि हमले में सटीक मार करने वाली मिसाइलें और समुद्र से छोड़े जाने वाले लंबी दूरी के हथियारों का इस्तेमाल किया गया है.
रक्षा विशेषज्ञों की राय
रक्षा विशेषज्ञ रिटायर्ड वाइस एडमिरल आर.के. सिंह ने कहा, यह केवल जवाब नहीं है, बल्कि पाकिस्तान के लिए स्पष्ट संदेश है कि अब भारत केवल सहन नहीं करेगा, बल्कि जोरदार जवाब देगा. कराची पर हमला पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था, सैन्य क्षमता और मनोबल पर एक साथ किया गया वार है. कराची न केवल पाकिस्तान की नौसेना का सबसे महत्वपूर्ण स्थान है, बल्कि तेल और आपूर्ति का मुख्य केंद्र भी है. इसे निशाना बनाकर भारत ने पाकिस्तान की लॉजिस्टिक रीढ़ पर जोरदार झटका दिया है. इसके दूरगामी परिणाम होंगे.
कितना बड़ा नुकसान?
कराची के नौसेना बेस पर बड़ा नुकसान हुआ है. प्रमुख जहाजों और युद्ध सामग्री का बड़ा नुकसान हुआ है. वहां के ईंधन डिपो में आग लग गई है और बड़े विस्फोट हुए हैं. इससे पाकिस्तान की पूरी आपूर्ति श्रृंखला ठप हो गई है. संपूर्ण संपर्क प्रणाली ध्वस्त हो गई है, जिससे कराची और इस्लामाबाद के बीच संपर्क टूट गया है, सूत्रों ने बताया.