नई दिल्ली। वो जितनी खूबसूरत है उससे कहीं ज्यादा खतरनाक। वो जितनी मासूम नजर आती है इरादे उससे भी ज्यादा खौफनाक रखती है। वो आतंक का दूसरा नाम है। मौत बांटती इस खूबसूरत बला से इंसानियत भी खौफ खाती है। दुनिया भर में इसके आतंक और बेपहनाह खूबसूरती है चर्चे हैं। आलम ये है कि इसका नाम सुनते ही अच्छे अच्छों की पेशानी पर पसीना आ जाता है। मौत बांटना इसके लिए किसी खेल से कम नहीं। इस महिला आतंकी ने बेहद कम समय में दुनिया भर में शोहरत हासिल की। हम बात कर रहे हैं ब्रिटेन की एक कुख्यात महिला आतंकवादी सामंथा ल्यूथवेट उर्फ शेराफिया की. तो चलिए हम आपको इस रिपोर्ट में बताते हैं शेरफिया की कुछ अनसुनी बातें।
सामंथा के कई नाम
सामंथा लुईस ल्यूथवेट का जन्म 5 दिसंबर 1983 को बैनब्रिज, काउंटी डाउन, उत्तरी आयरलैंड में हुआ था. इतना ही नहीं उसे कई नामों से जाना जाता था। सामंथा को असमंतरा, शेराफिया, शेराफिया लेउथवेट, नताली वेब के नाम से भी जाना जाता था। आतंक की दुनिया में सामंथा ल्यूथवेट ही वो नामथा जिसे ‘व्हाइट विडो’ का नाम मिला। सामंथा को अफ्रीकी देशों में मौत का खेल खेलने में महारत हासिल थी और इसकी पहचान एक गोरी महिला के तौर पर की जाती थी।
Ankita Murder Case में आरोपियों ने नार्को टेस्ट के लिए मांगा 10 दिन का समय
उम्र में 2 साल छोटे शख्स से की शादी
सामंथा लुईस ल्यूथवेट ने जर्मेन मौरिस लिंडसे उर्फ अब्दुल्ला शहीद जमाल के साथ शादी की थी। अब्दुल्ला शहीद जमाल उम्र में सामंथा से 2 साल छोटा था. अब्दुल्ला 7 जुलाई 2005 को उस वक्त मारा गया था जब उसने 3 अन्य आतंकियों के साथ मिलकर लंदन शहर की लाइफ लाइन ‘ट्यूब’ यानी मेट्रो में भीषण धमाका किया था। सामंथा का पति आत्मघाती हमलावर था। पति की मौत के बाद सामंथा उसके मिशन को पूरा करने में जुट गई और फिर आतंक की दुनिया में मौत का दूसरा नाम बन गई।
पति की मौत के बाद छोड़ा लंदन
लंदन में हुए धमाकों को 6 साल बीत गए। इस बीच सामंथा के बारे में किसी को ज्यादा कुछ नहीं पता था। लेकिन, ये बात साफ थी कि उसने लंदन को छोड़कर कहीं और ठिकाना बना लिया है। साल 2011 में खुफिया एजेंसियों को जानकारी मिली थी सामंथा ल्यूथवेट केन्या के मोम्बासा शहर में रह ही थी। एजेंसियों को ये भी पता चला कि सामंथा अपने पति की मौत के बाद उसके मिशन को पूरा करने के लिए तैयारियों में जुटी है। यहीं से सामंथा के रिश्ते दूसरे आतंकी संगगठनों के साथ बने। इन 6 सालों मे ही उसने सोमालिया के आतंकी संगठन अल शबाब के साथ रिश्ते बना लिए और यहीं से उसका नाम शेराफिया हो गया था।
चार बच्चों की मां है ‘व्हाइट विडो’
शेराफिया उर्फ ‘व्हाइट विडो’ के बारे में बताया गया था कि वो चार बच्चों की मां है। जानकारी तो यहां तक मिली थी कि आतंक की दुनिया में सामंथा ल्यूथवेट का कद इतना बढ़ गया गया कि वो आतंकी संगठन अल शबाब के लीडर अहमद उमर का दाहिना हाथ बन गई थी। उमर ने सामंथा को एक तरह की जिम्मेदारी भी सौंपी थी जिसे उसने बखूबी पूरा भी किया था। उमर की प्लान को अंजाम देते हुए सामंथा ने आत्मघाती हमलावरों के रूप में किशोरों और महिलाओं को संगठन में भर्ती करने का अभियान चलाया था और उसे इसमें सफलता भी मिली थी।
400 लोगों को उतारा मौत के घाट
आतंक की ये नई आका सोमालिया और केन्या में आतंकी साजिशों को अंजाम देने, आत्मघाती हमलो और कार बम विस्फोटों में भी शामिल रही है। 18 मई 2015 सोमवार का ही वो दिन था जब कई मीडिया रिर्पोट्स में आधिकारिक सुरक्षा सूत्रों के हवाले से खबर आई थी कि अप्रैल 2015 में केन्या यूनिवर्सिटी पर जो आत्मघाती हमला हुआ था उसके पीछे आतंकी सामंथा ल्यूथवेट उर्फ शेराफिया का ही हाथ था। इस खौफनाक हमले ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया था और इसमें 148 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी। सामंथा किस कदर बेरहम थी इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उसपर 400 लोगों को मौत के घाट उतारने का आरोप है।
इंटरपोल ने जारी किया रेड कॉर्नर नोटिस
सितंबर 2013 में नैरोबी के एक शॉपिंग मॉल में आतंकी हमला हुआ था। हमले में 67 लोगों की मौत हो गई थी. इस हमले के बाद केन्या की सरकार ने इंटरपोल से कुख्यात सामंथा ल्यूथवेट उर्फ शेराफिया को गिरफ्तार करने के लिए मदद मांगी थी। इसी के बाद इंटरपोल ने ‘व्हाइट विडो’ के खिलाफ एक रेड कॉर्नर नोटिस जारी कर दिया था। केन्या के अधिकारियों के मुताबिक, नैरोबी के मॉल में आतंक के पूरे ऑपरेशन की कमान एक व्हाइट महिला कर रही थी, जिसका नाम सामंथा ल्यूथवेट था.
थी ओसमा बिन लादेन की फैन
सामंथा ल्यूथवेट उर्फ शेराफिया अलकायदा नेटवर्क के पूर्व मुखिया ओसामा बिन लादेन से खासी प्रभावित थी। पुलिस को उसकी लिखी कुछ लाइनें मिली थीं जिसके इस बात का खुलासा हुआ था। इन लाइनों में उसने ओसामा की शान में कसीदे गढ़े थे। ये लाइनें थीं…
ओ शेख ओसामा माई फादर,
माई ब्रदरमाई लव फॉर यू इज लाइक नो अदर।
ओ शेख ओसामा नाऊ दैट यू आर गॉन,
द मुस्लिम्स मस्ट वेकअप दे मस्ट बी स्ट्रांग।
इसमें अलकायदा के और मजबूत होने की कामना भी थी। खास बात ये है कि इसमें तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के बारे में लिखा था कि वहां आपकी कोई जीत नहीं हुई थी मिस्टर ओबामा।