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धनशोधन मामला: सुपरटेक के चेयरमैन की अंतरिम जमानत अर्जी पर फैसला सुरक्षित, चिकित्सा के आधार पर मांगी जमानत

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दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार रियल एस्टेट प्रमुख सुपरटेक समूह के अध्यक्ष और प्रमोटर आरके अरोड़ा को अंतरिम जमानत दे दी है। आरोपी ने चिकित्सा आधार पर जमानत मांगी थी। अतिरिक्त सत्र जस्टिस देवेंद्र कुमार जांगला ने उन्हें एक लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की दो जमानत राशि पर अंतरिम जमानत दे दी।

अरोड़ा ने पिछले महीने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और नब्बे दिनों की अवधि के लिए अंतरिम जमानत की मांग करते हुए कहा था कि वह कई जानलेवा बीमारियों से पीड़ित हैं और मामले में जेल में रहने के बाद से उनका स्वास्थ्य और बिगड़ रहा है। अरोड़ा को 27 जून, 2023 को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत गिरफ्तार किया गया था। सुपरटेक समूह उसके निदेशकों व प्रमोटरों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दिल्ली, हरियाणा और यूपी में प्राथमिकी दर्ज हैं। अरोड़ा की ओर से पेश वकील तनवीर अहमद मीर ने दलील दी कि वह डिस्क डिजनरेटिव, गंभीर गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स और ब्लैकआउट सहित विभिन्न बीमारियों से पीड़ित हैं और फ़िलहाल चिकित्सा और सर्जरी की आवश्यकता है।

यह भी बताया गया कि अरोड़ा को जेल अधिकारियों ने डॉ राम मनोहर लोहिया सरकारी अस्पताल में रेफर किया था। जहां उनकी जांच के बाद इलाज किया गया। हालांकि उनमें सुधार के कोई लक्षण नहीं दिखे। मीर ने यह भी तर्क दिया कि मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत अपेक्षित जुड़वां शर्तें अंतरिम जमानत के मामलों में लागू नहीं होती हैं क्योंकि वे उन लोगों पर लागू नहीं होती हैं जो बीमार या अशक्त हैं।

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वहीं, अंतरिम जमानत अर्जी का ईडी ने पुरजोर विरोध किया। बता दें कि कथिततौर पर घर खरीदारों को धोखा देने के लिए दिल्ली, हरियाणा और यूपी पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) द्वारा दर्ज की गई 23 एफआईआर पर आधारित जांच में अरोड़ा से फ़िलहाल में जांच एजेंसी द्वारा पूछताछ की जा रही है। ईओडब्ल्यू द्वारा दर्ज की गई एफआईआर धारा 120 बी (आपराधिक साजिश), 406 (आपराधिक विश्वासघात), 420 (धोखाधड़ी और बेईमानी से संपत्ति की डिलीवरी के लिए प्रेरित करना), 467 (मूल्यवान सुरक्षा, वसीयत आदि की जालसाजी) और 471 (उपयोग करना) के तहत दर्ज की गई थी।

164 करोड़ की धोखाधड़ी का मामला

ईडी दिल्ली की आर्थिक अपराध शाखा, हरियाणा और उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा सुपरटेक लिमिटेड और समूह की कंपनियों के खिलाफ आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी, आपराधिक विश्वासघात और जालसाजी के लिए दर्ज 26 एफआईआर से संबंधित मामले की जांच कर रहा है।हरियाणा पुलिस और यूपी पुलिस ने सुपरटेक लिमिटेड और उसकी समूह कंपनियों के खिलाफ 164 करोड़ रुपये का की धोखाधड़ी के संबंध में धारा 120 बी (आपराधिक साजिश) के साथ धारा 406 (आपराधिक विश्वासघात)/420 (धोखाधड़ी)/467/471 आईपीसी के तहत कम से कम 670 घर खरीदारों को धोखा देने का आरोप लगाया है। ईडी ने यह भी आरोप लगाया कि सुपरटेक लिमिटेड द्वारा एकत्र की गई राशि को संपत्तियों की खरीद के लिए उनके समूह की कंपनियों और बहुत कम मूल्य वाली जमीन वाली कंपनी को भेज दिया गया।

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