हाथरस में सत्संग के दौरान हुई भगदड़ की घटना को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गठित तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग ने जांच शुरू कर दी है. 2 जुलाई को हुई इस घटना में 121 लोगों की जान चली गई थी और कई लोग घायल हुए. कोर्ट ने मुख्य आरोपी देवप्रकाश मधुकर को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. इस घटना की जांच को लेकर आयोग ने शनिवार को हाथरस के सिकंदराराऊ में उस जगह का बारीकी से निरीक्षण किया, जहां भोले बाबा का सत्संग आयोजित किया गया था और भगदड़ मच गई थी.
जानकारी के मुताबिक आयोग के अध्यक्ष जस्टिस बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने जिला प्रशासन के अफसरों से बात की और यहा जाना कि आयोजन स्थल में कहां क्या लगा था और कहां भीड़ अनियंत्रित हुई. पुलिसिया लिहाज से की गई तैयारी और दस्तावेजों को भी देखा गया और सिकंदरराऊ सीओ से भी कई सवाल पूछे गए. आयोग ने मौके का नक्शा भी बनाया और उससे घटनास्थल को समझने की कोशिश की. इसमें यह समझा गया कि सड़क किनारे बने पानी निकासी की नाली में कैसे लोग गिरते गए और मरते रहे.
देव प्रकाश मधुकर था कार्यक्रम का मुख्य आयोजक
देव प्रकाश मधुकर ही हाथरस कार्यक्रम का मुख्य आयोजक था. इसके साथ ही वह बाबा का खास आदमी भी है. हादसे के बाद बाबा ने उसी से फोन पर काफी देर तक बात की थी. न्यूज एजेंसी के मुताबिक, भगदड़ की घटना के बाद से देव प्रकाश मधुकर घर नहीं लौटा था. उसके परिवार के सदस्य भी लापता हैं.
मधुकर के बारे में कहा जाता है कि वह एक समय जूनियर इंजीनियर (JE) था लेकिन बाद में बाबा सूरजपाल का बड़ा भक्त बन गया. देव प्रकाश मधुकर का घर सिकंदरा राऊ इलाके के दामादपुरा की नई कॉलोनी में है.
80 हजार की परमिशन लेकिन टैंट लगा 60 हजार लोगों के लिए
हाथरस में भोले बाबा के सत्संग के लिए टेंट लगाने वाले राज कपूर ने बदइंतजामी को लेकर बड़ा खुलासा किया है. टेंट लगाने वाले राज कपूर ने आजतक से बातचीत में बाबा की कमेटी की मनमानी के कई राज खोले हैं. टेंट मालिक ने कहा कि सत्संग आयोजित करने वाली कमेटी ने 80, 000 लोगों की परमिशन ली थी, लेकिन सत्संग में टेंट सिर्फ 60,000 लोगों की क्षमता का लगवाया था. जितने लोगों के लिए प्रशासन से परमिशन ली, उससे कम क्षमता का टेंट लगवाने के बाद ढाई लाख की भीड़ जुटा ली थी. टेंट मालिक राज कपूर का कहना है कि 300 फीट लंबा और 300 फीट चौड़ा टेंट लगाया था. इसका ठेका 4 लाख 70,000 रुपये में दिया गया था. अभी तक 1 लाख 70,000 रुपये का भुगतान नहीं हुआ है.
हादसे में 121 की मौत, जांच कमेटी गठित
मालूम हो कि हाथरस के फुलरई गांव में प्रवचनकर्ता नारायण हरि साकार उर्फ भोले बाबा के कार्यक्रम में बीते मंगलवार को करीब एक लाख अनुयायी एकत्र हुए थे. सुबह 8 से दोपहर 1 बजे तक सत्संग चलता रहा. सुरक्षा और भीड़ को संभालने का जिम्मा बाबा की प्राइवेट आर्मी यानी सेवादारों पर था. वहीं, जब सत्संग खत्म होने के बाद बाबा का काफिला सत्संग स्थल से बाहर जा रहा था, तब हुजूम का हुजूम उनकी गाड़ी के पीछे भागने लगा. इसी दौरान भीड़ का ऐसा सैलाब आया कि लोग एक दूसरे के उपर गिरने लगे और दम तोड़ने लगे. देखते ही देखते लाशें बिछ गईं. फिलहाल, सीएम योगी खुद भी घटनास्थल गए और हादसे की पूरी जानकारी ली. उन्होंने जांच कमेटी गठित कर दी है, जो जल्द ही रिपोर्ट सबमिट करेगी.