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कानपुर विकास प्राधिकरण ने बिना TDS काटे किसानों को दिया 55 करोड़ का मुआवजा, अब हो रही वसूली

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उत्तर प्रदेश में कानपुर विकास प्राधिकरण की बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है. यहां केडीए के अधिकारियों की लापरवाही से प्राधिकरण को करीब 55 करोड़ रुपये की चपत लग गई है. यह रकम किसानों को दिए जाने वाले मुआवजे में टीडीएस का हिस्सा है. आरोप है कि कानपुर में बस रही न्यू कानपुर सिटी योजना के लिए किसानों को मुआवजा देने में गड़बड़ी हुई है.

केडीए के अधिकारियों ने बिना टीडीएस काटे ही पूरी रकम किसानों के खाते में ट्रांसफर कर दी है. वहीं अब मामले का खुलासा होने के बाद ये अधिकारियों घर घर घूम कर किसानों से टीडीएस की रकम वापस मांग रहे हैं. बता दें कि कानपुर के विकास को रफ्तार देने के लिए 27 साल पहले न्यू कानपुर सिटी योजना बनी थी. हालांकि तकनीकी कारणों की वजह से इस योजना पर लंबे समय तक कोई प्रगति नहीं हो सकी.

हड़बड़ी में योजना की लांचिंग

इस बीच सरकार ने चुनाव की अधिसूचना लागू होने के ठीक पहले केडीए ने इस योजना की लांचिंग कर दी है. इसी क्रम में अधिग्रहित जमीन का मुआवजा आनन फानन में बांट दिया गया है. इसी हड़बड़ी में केडीए के अधिकारियों ने बड़ी गलती कर दी. अधिकारी मुआवजा देते समय किसानों को दी जाने वाली राशि में से टीडीएस काटना ही भूल गए. जोश में अफसर दनादन रजिस्ट्री करते गए और साथ के साथ किसानों के खाते में रकम भी ट्रांसफर होती गई.

गड़बड़ी के खुलासे पर फूले हाथ पांव

हाल ही में एक इंटरनल ऑडिट के दौरान मामले का खुलासा हुआ तो अधिकारियों के हाथ पांव फूल गए. आनन फानन में टीम बनाकर सभी किसानों के घर इस गड़बड़ी की सूचना दी गई. उनसे अतिरिक्त रकम तत्काल केडीए में जमा करने को कहा गया. अभी तक यह पूरा मामला गुपचुप चल ही रहा था, लेकिन एक अधिकारी की चिट्ठी से मामले का भांडा फूट गया. बताया जा रहा है कि पूरी गड़बड़ी करीब 55 करोड़ रुपये की है.

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पिछले महीने हुई थी पहली रजिस्ट्री

जानकारी के मुताबिक न्यू कानपुर सिटी की पहली रजिस्ट्री पूर्व डीएम विशाख जी. के कार्यकाल में जनवरी 2024 में हुई थी. अब इस मामले में वित्त सचिव ने केडीए सचिव को पत्र में लिखा है. इसमें कहा गया है कि योजना में इनकम टैक्स की कटौती प्रस्तावित नहीं की गई है. यह सीधे सीधे अनियमितता के दायरे में आता है. इसी के साथ एफसी ने तत्काल रजिस्ट्री रोकने को कहा था.

153.21 हेक्टेयर जमीन पर बननी है न्यू कानपुर सिटी

इसके बाद स्थानीय अधिकारियों को भी इस गड़बड़ी की जानकारी हुई. बता दें कि कानपुर स्थित मैनावती मार्ग और कल्याणपुर-बिठूर रोड के बीच सिंहपुर कछार, सम्भरपुर, गंगपुर चकबदा, हिन्दुपुर में 153.21 हेक्टेयर जमीन पर इस योजना को अमली जामा पहनया जा रहा है. 18 हेक्टेयर जमीन के लिए अब तक करीब 107 किसान केडीए को सहमति दे चुके हैं. वहीं शेष जमीन प्राधिकरण के पास पहले से उपलब्ध है.

आवासीय और व्यवसायिक भूखंड होंगे

इस योजना में 90 से 450 वर्ग मीटर एरिया के 1350 आवासीय भूखण्ड विकसित किए जाने हैं. यहां कॉमर्शियल एक्टिविटी के लिए 222 भूखण्ड प्रस्तावित हैं. जबकि व्यवसायिक उपयोग, अस्पताल, स्कूल, मल्टीप्लेक्स के लिए अलग से भूखण्ड डेवलप किए जाएंगे. केडीए के सचिव शत्रोहन वैश्य के मुताबिक विभागीय अधिकारियों की भूल से यह गड़बड़ी हुई है और इसे ठीक करने की कोशिश की जा रही है. इस तरह की गलती की पुनरावृति रोकने के लिए मामले की जांच कराई जा रही है. इसके लिए एक विशेष कमेटी का गठन किया गया है.

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