यमुना प्राधिकरण ने विकास परियोजनाओं के लिए लैंड बैंक बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। गौतमबुद्धनगर और अलीगढ़ के 41 गांवों में किसानों से 13 हजार 300 एकड़ जमीन सीधे खरीदी जाएगी।
यमुना प्राधिकरण के सीईओ अरुणवीर सिंह ने बताया कि विगत 28 मार्च को आयोजित 84वीं बोर्ड बैठक में 9200 करोड़ का बजट प्रस्तावित किया गया था। इसमें पांच हजार करोड़ रुपये जमीन खरीद के लिए आरक्षित किए गए थे। क्षेत्र में एयरपोर्ट आने से लगातार निवेश के लिए देश विदेश की कंपनियां आगे आ रही हैं।
अलीगढ़ में भी लॉजिस्टिक हब प्रस्तावित है। ऐसे में 41 गांवों की जमीन खरीदकर लैंड बैंक बनाने की योजना है। इसमें कि 36 गांव गौतमबुद्ध नगर और पांच गांव अलीगढ़ के शामिल हैं। इन सभी गांवों के किसानों से जमीन खरीदने की प्रक्रिया अगले कुछ समय में शुरू होगी। सीईओ ने बताया कि जिन किसानों से जमीन ली जाएगी, उन्हें सात प्रतिशत आबादी भूखंडों का आवंटन भी तीन महीने के अंदर कर दिया जाएगा।
प्राधिकरण ने एक वर्ष में भूखंडों के लिए सभी मूलभूत सुविधाएं विकसित करने का दावा किया है। किसान जिस दिन जमीन का बैनामा कराएगा, उसी दिन उसे आबादी भूखंड आरक्षण पत्र दे दिया जाएगा।
अलीगढ़ में लॉजिस्टिक हब प्रस्तावित: अलीगढ़ के टप्पल में करीब 250 एकड़ में लॉजिस्टिक हब प्रस्तावित है। इस लॉजिस्टिक हब में 12 वेयर हाउस और 6 से अधिक अन्य प्रकार के भंडारण केंद्र बनेंगे। इस परियोजना में 640 करोड़ का निवेश आएगा। लॉजिस्टिक हब को विकसित करने के लिए जल्द ही प्राधिकरण रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरएफपी) जारी करने की तैयारी भी कर रहा है। इस परियोजना से क्षेत्र के करीब 10 हजार लोगों के लिए नौकरी के द्वार खुलेंगे। बता दें कि लॉजिस्टिक हब वेयर हाउस की तरह काम करता है। लॉजिस्टिक पार्क में आयात व निर्यात होने वाले सामान (कंसाइन) को रखने का स्थान होता है। यहां पर एक निश्चित किराया लेकर सामान को सुरक्षित रखा जाता है।
छह जिलों में फैला है प्राधिकरण क्षेत्र
यमुना विकास प्राधिकरण क्षेत्र छह जिलों तक फैला हुआ है। इनमें गौतमबुद्धनगर के अलावा बुलंदशहर, अलीगढ़, मथुरा, हाथरस व आगरा शामिल है। फेज 1 में गौतमबुद्धनगर व बुलंदशहर का विकास हो रहा है। दोनों जिलों का 75900 हेक्टेयेर क्षेत्रफल है। इनमें कुल 226 गांव है, जिनमें 109 शहरी है। वर्तमान में करीब 24 हजार हेक्टेयर में विकास कार्य जारी है। वहीं अब फेज 2 मथुरा और अलीगढ़ शामिल है। प्राधिकरण मथुरा के 415 गांवों में करीब 11653.76 हेक्टेयर में राया अर्बन सेंटर विकसित करेगा, जबकि अलीगढ़ में 92 गांव की 11104.40 हेक्टेयर भूमि पर टप्पल बाजना अर्बन सेंटर विकसित होगा। इसके मास्टर प्लान को शासन की मंजूरी मिल चुकी है। फेज-3 में आगरा और हाथरस का विकास किया जाना है, आगरा का जोनल प्लान तैयार है, जबकि हाथरस में होने वाले विकास कार्यों का खाका तैयार हो रहा है।