नई दिल्ली। आबकारी नीति घोटाला से जुड़े सीबीआई के मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका राउज एवेन्यू की विशेष सीबीआई अदालत ने खारिज कर दी है। विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल ने याचिका खारिज करने का निर्णय सुनाया।
अदालत ने सीबीआई और सिसोदिया पक्ष की दलीलों को सुनने के बाद 24 मार्च को अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया था। सिसोदिया वर्तमान में सीबीआई के भ्रष्टाचार और ईडी के मनी लांड्रिंग मामले में न्यायिक हिरासत में जेल में हैं।
सीबीआई और ईडी मामले में न्यायिक हिरासत में बंद सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज करते हुए अदालत ने पाया कि लगभग 90-100 करोड़ रुपये की अग्रिम रिश्वत का भुगतान उनके और दिल्ली सरकार में उनके अन्य सहयोगियों के लिए था, जबकि इसमें से 20-30 करोड़ रुपये सह-अभियुक्त विजय नायर, अभिषेक बोइनपल्ली और अनुमोदक दिनेश अरोड़ा के माध्यम से रूट किए गए पाए गए हैं।
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इसके बदले सिसोदिया ने साउथ लाबी के हितों को संरक्षित करने के लिए आबकारी नीति के कुछ प्रविधानों को संशोधित और हेरफेर करने की अनुमति दी गई।
सीबीआई ने किया पुरजोर विरोध
सिसोदिया ने अपने स्वास्थ्य और पत्नी के देखभाल समेत अन्य आधार पर जमानत दिए जाने का अदालत से अनुरोध किया था। वहीं, जांच एजेंसी ने याचिका का पुरजोर विरोध करते हुए कहा था कि सिसोदिया को अगर जमानत दी जाती है ताे वह जांच को प्रभावित कर देंगे और वह सुबूतों को नष्ट करने का निरंतर अभ्यास जारी रखेंगे।
ये है आरोप
बता दें कि सिसोदिया पर आरोप लगे है कि उन्होंने अपने हिसाब से रिपोर्ट बनाने के लिए बार-बार अधिकारी बदले थे, बल्कि मोबाइल फोन और विभिन्न फाइलों को भी नष्ट कर दिया था।