देहरादून: Monsoon in Uttarakhand: उत्तराखंड में शनिवार को मानसून ने दस्तक दे दी है। देहरादून सहित हरिद्वार, रुड़की और ऋषिकेश में रविवार तड़के से मानसून की बौछारें पड़ रही हैं।
वहीं राज्य भर में भारी वर्षा और मौसम विज्ञान विभाग के अलर्ट को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी रविवार को सचिवालय स्थित आपदा नियंत्रण कक्ष पहुंचे। उन्होंने यहां अधिकारियों के साथ राज्यभर की स्थिति का जायजा लिया।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि मौसम के अलर्ट को देखते हुए एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और पीडब्ल्यूडी की टीम तैनात है। सभी सहयोगी विभाग काम कर रहे हैं। सभी विभाग तैयार हैं। सभी जिलाधिकारियों को कहा गया है कि जहां पर जलभराव हो रहा है उन इलाकों का ध्यान रखा जाए।
आज बरसात रुकने के बाद हालातों का जायजा लिया जाएगा और उसी हिसाब से सभी विभाग कार्य करेंगे। कहा कि चारधाम श्रद्धालुओं से में लगातार अपील करता हूं कि अगर मौसम खराब होता है तो यात्रा रोक दें। मौसम विभाग के पूर्वानुमान पर नजर बनाएं रखें।
देहरादून के मालदेवता क्षेत्र में आया मलबा
देहरादून में तड़के से बारिश होती रही। तेज वर्षा के चलते मालदेवता क्षेत्र में भी मलबा आया। हालांकि किसी नुकसान की खबर नहीं है। बारिश के दौरान चकराता रोड स्थित एफआरआइ के समीप पेड़ गिर गया।मसूरी में रविवार तड़के जबरदस्त बारिश हुई। जिससे बरसाती नालों में उफान आ गया। लोग बारिश का रौद्र रूप देख सहम गए। सुबह रुक-रुक कर रुड़की और आसपास के क्षेत्रों में बारिश हुई।
ऋषिकेश में बीती मध्यरात्रि से हल्की बूंदाबांदी हो रही थी जो रविवार की सुबह मूसलधार बारिश में बदल गई ऋषिकेश और आसपास क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश के कारण निचले क्षेत्रों में पानी बढ़ रहा है। 28 जून को ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट में जी 20 बैठक के तहत गंगा आरती होनी है। समूचे त्रिवेणी घाट में पानी है। जिस कारण यहां होने वाली तैयारियां प्रभावित हुई है।
डोईवाला में सुबह से हो रही भारी बारिश से बरसाती नाले उफान पर हैं। तो वहीं सड़कों पर भी तीव्र गति से बरसात का पानी बह रहा है। जिससे कि आमजन को परेशानी उठानी पड़ रही है। कई गलियों में जलभराव की समस्या भी देखी जा रही है। भारी बारिश के साथ ही बादलों की तेज गड़गड़ाहट व बिजली कड़कने की तेज आवाज भी लोगों को डरा रही है। रविवार सुबह लगभग 5 बजे से लगातार बारिश में हो रही है।
हरिद्वार में शनिवार रात से हो रही बारिश के कारण सेल से लेकर देहात तक जगह-जगह जलभराव हो गया है।रानीपुर मोड़ चंद्राचार्य चौक पर बरसात से जलभराव में कार फंस गई। बारिश के कारण बिजली और पानी की आपूर्ति भी प्रभावित हुई है। जगह-जगह जलभराव होने से आवागमन ठप हो गया।
रविवार सुबह से विद्युत आपूर्ति बंद होने के कारण पेयजल आपूर्ति भी नहीं हो रही है। इससे नागरिकों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। गंगा का जलस्तर अभी सामान्य बना हुआ है। यह स्तर 291.40 है, चेतावनी स्तर 293 और खतरे का निशान 294 मीटर पर है।
यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग ओरछा बैंड के पास खुला
उत्तरकाशी सहित आसपास के इलाकों में वर्षा होने के कारण मार्ग अवरुद्ध होने शुरू हो गए हैं। शनिवार देर रात यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग ओरछा बैंड के पास अवरुद्ध हो गया था, जिसे रविवार को खोल दिया गया। मार्ग बंद होने से वाहनों की आवाजाही ठप हो गई थी और कई यात्री वाहन फंस गए थे।
मार्ग अवरुद्ध होने के कारण यमुनोत्री व बड़कोट से उत्तरकाशी की ओर आने वाले वाहनों की लंबी कतार लगी थी। इन वाहनों को पुलिस की ओर से बड़कोट वापस भेजा जा रहा था। जबकि ब्रह्मखाल की ओर से बड़कोट जाने वाले वाहनों को वापस ब्रह्मखाल भेजा जा रहा था।
यमुनोत्री धाम के दर्शन कर गंगोत्री धाम के दर्शन करने के लिए आने वाले तीर्थ यात्रियों को यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग बंद होने से खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। चमोली में भी मौसम खराब बना हुआ है। यहां बादल छाए हुए हैं। अलकनंदा का जल स्तर भी बढ़ गया है।
नरेंद्रनगर-रानीपोखरी मोटर मार्ग मलबा आने से बंद
टिहरी में नरेंद्रनगर-रानीपोखरी मोटर मार्ग मलबा आने से बंद हो गया है। जिसे खोलने हेतु दो जेसीबी मौके पर तैनात हैं। बारिश रुकते ही मार्ग खोलने का कार्य शुरू किया जाएगा। इसी मार्ग से जी 20 सम्मेलन में आने वाले विदेशी मेहमानों ने आना था। अब सभी वाया ऋषिकेश होकर आएंगे।
अगले 24 घंटे में भारी से बहुत भारी वर्षा का ऑरेंज अलर्ट
मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून के निदेशक बिक्रम सिंह ने कहा कि मानसून तेजी से आगे बढ़ रहा है। जिसे देखते हुए रविवार से देहरादून समेत सात जनपदों में अगले 24 घंटे में भारी से बहुत भारी वर्षा का ऑरेंज अलर्ट जारी किया किया गया है। इस दौरान देहरादून, टिहरी, पौड़ी, चंपावत, पिथौरागढ़, नैनीताल व बागेश्वर जनपदों में कहीं-कहीं बहुत भारी वर्षा हो सकती है।
इस बार छह दिन पहले उत्तराखंड पहुंचा मानसून
आमतौर पर केरल से उत्तराखंड पहुंचने में मानसून को तीन सप्ताह से अधिक का समय लगता है। ऐसे में प्रदेश में 24 जून को मानसून ने दस्तक दे दी है, लेकिन इस बार बिपरजॉय चक्रवात के कारण मानसून के देरी से आने का अंदेशा बढ़ गया था।
उत्तराखंड में दक्षिण-पश्चिमी मानसून निर्धारित समय पर उत्तराखंड पहुंचा है। हालांकि, पिछले साल से इस बार मानूसन छह दिन पहले ही राज्य में पहुंच गया है। बीते वर्ष प्रदेश में 30 जून को मानसून ने पूरी तरह से प्रवेश कर लिया था। वहीं, वर्ष 2021 में यह समय से पहले 13 जून को ही उत्तराखंड पहुंच गया था।