Home Breaking News सात साल बाद गिरफ्तार हुआ सौ करोड़ से अधिक की ठगी कर चुका खनन माफिया
Breaking Newsअपराधदिल्लीराज्‍य

सात साल बाद गिरफ्तार हुआ सौ करोड़ से अधिक की ठगी कर चुका खनन माफिया

Share
Share

नई दिल्ली। सौ करोड़ से अधिक ठगी कर चुके खनन माफिया प्रदीप पालीवाल को दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने गिरफ्तार कर लिया है। दिल्ली, हरियाणा व राजस्थान के चार मामलों में वह भगोड़ा घोषित था। सात सालों से विभिन्न राज्याें की पुलिस उसकी तलाश कर रही थी। इसके खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी हो जाने पर जांच एजेंसियों से बचने के लिए वह सड़क मार्ग से ही हर जगह अपनी पजेरो कार से सफर करता था और जिम्बाब्वे के नंबर से अपने संपर्क के लोगों को वाटस एप काल करता था।

वसंत विहार का है रहने वाला

संयुक्त आयुक्त छाया शर्मा के मुताबिक प्रदीप पालीवाल उर्फ महेश गुप्ता, वसंत विहार का रहने वाला है। जनवरी, 2014 में प्रदीप पालीवाल ने शकुंतला नाम की महिला को राजस्थान में ग्रेनाइट खनन के अपने व्यवसाय में 20 करोड़ निवेश करने के लिए प्रेरित किया था। उसने आश्वासन दिया था कि इसके बदले वह उन्हें प्रति माह 50 लाख रुपये का भुगतान करेगा।

शिकायत के बाद बदला ठिकाना

विश्वास में आकर महिला ने 20 करोड़ रुपये निवेश कर दिया लेकिन आरोपित द्वारा पैसे नहीं लौटाने पर उन्होंने 2017 में आर्थिक अपराध शाखा में मुकदमा दर्ज करा दिया था। मुकदमा दर्ज होते ही आराेपित दिल्ली छोड़ दिया और कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, पंजाब में ठिकाना बदल कर रहना शुरू कर दिया।

24 घंटे से ज्यादा एक जगह पर नहीं रुकता था

पुलिस का कहना है कि सात से फरार रहने के दौरान वह कहीं भी 24 घंटे से अधिक समय नहीं बिताता था। अपने संपर्क के लोगों से वह टेलीग्राम काल व जिम्बाब्वे के नंबर से वाटस एप काल के जरिए संपर्क करता था। जांच से पता चला कि वह अपने व्यापारिक सहयोगियों से संपर्क करने के लिए फर्जी पते पर लिए गए नंबरों से वाटस एप काल व टेलीग्राम का उपयोग कर रहा था।

See also  प्यार - शादी और दोनों के परिजनों की नाराजगी के चलते दोनों की दर्दनाक मौत पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम को भेजा और जांच शुरू की ।

चार टीमें मिल कर तलाश रही थी प्रदीप को

विस्तृत विश्लेषण के बाद चार टीमों को बेंगलुरू, राजस्थान, पूर्वी दिल्ली और दक्षिणी दिल्ली में अलग-अलग स्थानों पर तैनात किया गया। उसके बाद पार्क होटल, शाहदरा के पास राजस्थान नंबर की सफेद पजेरो से प्रदीप को दबोच लिया गया। कार श्रद्धा जैन के नाम पर पाई गई जो प्रदीप पालीवाल का व्यापारिक सहयोगी है। कार में इसके साथ उसका सहयोगी विनायक भट्ट भी जिसे पकड़ कर सीबीआई को सौंप दिया गया, क्योंकि उसके खिलाफ 2018 में सीबीआइ में मामला दर्ज है।

परिवार से नहीं है अच्छे संबंध

प्रदीप पालीवाल ने 11वीं तक सेंट अंसलान स्कूल, अजमेर से पढ़ाई की है। इसके बाद उसने पढ़ाई छोड़ दी और अजमेर में अपने पिता के स्टील और लोहे के कारोबार में शामिल हो गया। पिछले 20 वर्षों से वह अजमेर, राजस्थान में ग्रेनाइट खनन और रियल एस्टेट का व्यवसाय कर रहा है। कई तरह के व्यवसाय के बाद उसने कंस्ट्रक्शन का बिजनेस भी शुरू किया था। 2007 में उसने राजस्थान में होलीस्टार इंफ्रा लिमिटेड के नाम से ग्रेनाइट खनन का व्यवसाय भी शुरू किया। उसका अपने परिवार से अच्छे संबंध नहीं है। पिछले आठ साल से वह पत्नी और बेटियों के साथ नहीं रह रहा है। वह अलग-अलग शहरों जैसे बेंगलुरू, अहमदाबाद, जयपुर में किराए पर घर लेकर छिपते रहे। फरार रहने के दाैरान उसके दोस्त विनायक भट्ट ने उसकी सहायता की।

गुरुग्राम में लिया फर्जी लोन

2006 में उसने जाली कागजात की मदद से अपने नाम पर एक एचएसआईडीसी प्लॉट पंजीकृत कराया। उक्त मामले में उसके खिलाफ उद्योग विहार, गुरुग्राम में प्राथमिकी दर्ज की गई। 2015 में उसने एचडीएफसी बैंक के पास पहले ही गिरवी रखी संपत्ति पर 12 करोड़ का लोन लिय। करोलबाग थाने में उक्त मामले में मामला दर्ज है। उक्त मामले को बाद में जांच के लिए ईओडब्ल्यू में ट्रांसफर कर दिया गया था। 2017 में उसने ग्रेनाइट खनन में निवेश के बहाने शकुंतला देवी से 20 करोड़ ठग लिया।

Share
Related Articles
Breaking Newsअपराधएनसीआरनोएडा

युवक ने शादी का झांसा देकर बनाए युवती के साथ संबंध, जानिए क्या है मामला

नोएडा: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद की एक युवती के साथ दुष्कर्म करने का...