नोएडा। मां की गोद किसी भी बच्चे के लिए सबसे सुरक्षित जगह होती है। मां और ममता एक-दूसरे की पूरक हैं, लेकिन बुधवार को मां की हैवानियत की ऐसी तस्वीर नोएडा में देखने को मिली, जिसने मानवीय संवेदनाओं को झकझोर कर रख दिया।
सेक्टर-113 कोतवाली क्षेत्र निवासी सात साल की मासूम बच्ची के सिर सहित शरीर के अन्य हिस्सों में मां ने चिमटे और लोहे के तार से इतने वार किए हैं कि पूरा जिस्म घायल हो गया। बच्ची का एक वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस मामले की जांच कर रही है।
बुधवार दोपहर को इंटरनेट मीडिया के विविध प्लेटफार्म पर कुछ तस्वीरें और वीडियो वायरल हुईं, जिसने सभी को झकझोर कर रख दिया। वीडियो में एक बच्ची मां की हैवानियत बयां करते हुए लोगों से मदद की गुहार लगा रही है। वायरल वीडियो में बच्ची कह रही है कि मेरी मम्मी मुझे मारती हैं, काटती हैं।
मुझसे सहन नहीं किया जाता है। मेरी मदद कीजिए। वीडियो और तस्वीर वायरल होने के बाद पुलिस ने मामले का संज्ञान लिया और मां से पूछताछ करने में जुटी है। बच्ची ने बताया कि उसके घर में मां के अलावा बाबा हैं। मां कभी होमवर्क पूरा न करने पर तो कभी अन्य वजह से बुरी तरह से पिटाई करती है।
एडीसीपी रणविजय सिंह ने बताया कि मासूम की मां ट्रेडिंग का काम करती हैं। इंटरनेट पर वीडियो और तस्वीर को दर्जनों लोगों ने साझा किया है।
वहीं, स्कूल प्रबंधन ने भी तत्परता दिखाते हुए पुलिस को पूरी घटना की सूचना दी और बच्ची के फ़ोटोज़ और विडीयो स्टेट्मेंट उपलब्ध कराए। यदु पब्लिक स्कूल की निदेशक कुंज यादव ने बताया कि स्कूल प्रबंधन बच्चों की पढ़ाई के साथ-साथ उनकी ओवरऑल वेल-बींग को लेकर काफ़ी सतर्क रहता है। बच्चों की रेगुलर काउंसिलिंग हमारे इन्हीं प्रयासों का एक हिस्सा है। आम तौर परऐसे मामलों में स्कूल प्रबंधन पुलिस-प्रशासन के पास जाने से बचते हैं लेकिन हमने बाक़ायदा पुलिस को सूचना दी और पुलिस- प्रशासन ने भी पूरी तत्परता दिखाते हुए बच्ची की सहायता की जिसके लिए हम उनके आभारी हैं। हम बस यही चाहते हैं कि बच्ची स्वस्थ और सुरक्षित रहे।
अप्रैल में बच्ची को लिया था गोद
पूछताछ में सामने आया है कि महिला ने बच्ची को इसी साल अप्रैल में गोद लिया था। गोद लेने के बाद जब बच्ची आई तो सबकुछ सामान्य था, लेकिन उसके बाद अलग-अलग वजह से वह मासूम की पिटाई करने लगी। महिला का चार साल पहले पति से अलगाव हो गया है। महिला मासूम को मथुरा के बाल गृह से लेकर आई थी।
फोड़े के हैं जख्म
मामले को लेकर महिला से बात की गई तो उसने कहा कि होमवर्क पूरा न करने पर वह मासूम की कभी-कभी पिटाई कर देती है, लेकिन उसके शरीर पर जो चोट के निशान दिख रहे हैं वह फोड़े और फुंसी के हैं। अगर उसे बच्ची को परेशान करना होता तो उसे गोद क्यों लेती। मासूम वैसे मूलरूप से हरियाणा की है और तीन साल पहले भटकते हुए वृंदावन पहुंच गई थी। बाद में पुलिस ने रेस्क्यू कर उसे बाल गृह भेजा था।
सामाजिक स्वीकार्यता भी है बाधा
जीबीयू के मनोविज्ञान एवं मानसिक रोग विभाग के प्रो. आनंद प्रताप ह ने बताया कि कभी-कभी इंसान तन्हाई और अकेलेपन के कारण बच्चे को गोद ले लेता है, लेकिन खून का रिश्ता न होने के कारण उससे वह लगाव नहीं हो पाता है, जिसकी आशा की जाती है। साथ ही ऐसे रिश्ते को समाज आसानी से स्वीकार नहीं करता है, जिससे इंसान कुंठित हो जाता है। हर रिश्ते में ऐसा ही हो, यह जरूरी नहीं है।