Navodaya student death case: मैनपुरी के नवोदय विद्यालय में दो साल पहले (16 सितंबर 2019) को हुई छात्रा की मौत का मामला एक बार फिर सुर्खियों में है। हाईकोर्ट की फटकार के बाद सरकार ने इस मामले में नए सिरे से एसआईटी का गठन कर दिया है। एसआईटी ने आगरा लैब से भेजी गई स्लाइड रिपोर्ट की पड़ताल शुरू कर दी है। इस स्लाइड को पोस्टमार्टम के दौरान दुष्कर्म की जांच के लिए तैयार किया गया था। आगरा लैब ने जो जांच रिपोर्ट भेजी उसमें स्लाइड पर मेल स्पर्म की पुष्टि की। एसआईटी ये जानने की कोशिश कर रही है कि लैब से रिपोर्ट मैनपुरी भेजी गई लेकिन आठ दिन इस रिपोर्ट को दबाए रखा गया। आखिर रिपोर्ट को दबाने के पीछे की वजह क्या थी।
16 सितंबर 2019 को छात्रा की मौत होने के बाद पिता की तहरीर पर भोगांव कोतवाली में आईपीसी की धारा 302, 376, 306, 511, 34 आईपीसी तथा पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया था। इस मुकदमे में नवोदय विद्यालय की तत्कालीन प्रधानाचार्य सुषमा सागर, छात्रावास की वार्डन विश्रुति सिंह तथा कक्षा 11 के सहपाठी छात्र को आरोपी बनाया गया था। पुलिस ने छात्रा की मौत होने के बाद वीडियोग्राफी कराते हुए तीन सदस्यीय चिकित्सकों के पैनल से पोस्टमार्टम कराया। चूंकि पिता की तहरीर में दुष्कर्म का आरोप था इसलिए दुष्कर्म की पुष्टि के लिए स्लाइड भी तैयार कराई गई, जिसे जांच के लिए आगरा भेजा गया।
Navodaya student death case: रिपोर्ट में लापरवाही की शुरू हुई जांच
पुलिस ने अपनी जांच के दौरान मुकदमे में दर्ज धारा 302 और 511 को हटा दिया और मान लिया कि छात्रा की हत्या नहीं हुई, उसने आत्महत्या की है। लेकिन जब आगरा से लैब की रिपोर्ट आयी तो दुष्कर्म की धारा की पुष्टि हुई। लैब रिपोर्ट में स्लाइड पर मेल स्पर्म की बात सामने आयी तो पूरा मामला बदल गया। इस मामले की रिपोर्ट आने के बाद आठ दिन पुलिस विभाग ने रिपोर्ट को छिपाए रखा। बाद में इसका खुलासा हुआ तो हड़कंप मच गया। एसआईटी जानना चाहती है कि मेल स्पर्म की रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई के लिए पुलिस पर पूरा मौका था। फिर ऐसी क्या वजह रही जो पुलिस इस रिपोर्ट पर आगे नहीं बढ़ पायी।
Navodaya student death case: एसटीएफ के सीओ सहयोग के लिए पहुंचे
गुरुवार को एसआईटी की टीम छात्रा की मौत की जांच के लिए फिर से नवोदय विद्यालय पहुंची। लगभग 12 बजे स्कूल पहुंची टीम ने दो बजे तक छानबीन की। टीम में शामिल दो महिला और दो पुरुष पुलिस अधिकारियों ने दो घंटे स्कूल में समय बिताया और विभिन्न बिंदुओं पर पड़ताल की। तत्कालीन एसआईटी में शामिल एसटीएफ के सीओ श्यामकांत को भी जांच में सहयोग के लिए मैनपुरी बुलाया गया है। उन्होंने भी नई एसआईटी के साथ समय बिताया और विभिन्न बिंदुओं पर की गई पड़ताल साझा की।