गुवाहाटी। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने रविवार (1 अक्टूबर) को एक ऐसा बयान दिया है, जिससे काफी विवाद खड़ा हो सकता है। सरमा ने दावा किया है कि भाजपा को कम से कम 10 सालों तक चार चापोरी इलाके में रहने वाले मुसलमानों के वोटों की जरूरत नहीं है।
बता दें कि असम में, चार चापोरी ब्रह्मपुत्र नदी और उसकी सहायक नदियों का एक क्षेत्र है जो बाढ़ के मैदानी तलछट से बना है।
मैं चुनाव में उनसे वोट नहीं मांगूंगा
गुवाहाटी में एक कार्यक्रम में सरमा ने संवाददाताओं से कहा, ‘भाजपा सरकार समाज के सभी लोगों की भलाई के लिए काम करती है, जिनमें चार इलाकों में रहने वाले लोग भी शामिल हैं। हालांकि, मैं चुनाव के दौरान उनसे वोट नहीं मांगूंगा।’
वोट तभी मांगूंगा जब…
सरमा के अनुसार, वह चार चापोरी इलाके में रहने वाले मुसलमानों से भाजपा को वोट देने का आग्रह तभी करेंगे जब वे बाल विवाह करना बंद कर देंगे, खुद को कट्टरपंथी रुख से हटा लेंगे और अपनी बेटियों को स्कूल भेजने लगेंगे। सरमा ने कहा, ‘भाजपा को वोट देने के कुछ मापदंड हैं। हम उन लोगों से वोट मांगते हैं जिनके दो या तीन से अधिक बच्चे नहीं हैं।’
कम से कम 10 साल का समय..
सरमा ने आगे कहा कि चार इलाकों में रहने वाले मुसलमानों की मानसिकता बदल रही है लेकिन इसमें समय लगेगा। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘इसके लिए कम से कम 10 साल का समय चाहिए। उसके बाद, मैं व्यक्तिगत रूप से चार क्षेत्रों में जाऊंगा और उनसे भाजपा के पक्ष में मतदान करने का आग्रह करूंगा।’
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इस बीच, सरमा ने यह भी दावा किया कि असम के लोग पूरे तरीके से नरेंद्र मोदी को वोट देंगे। उन्होंने कहा, ‘राज्य के मतदाता अगले साल मोदी के लिए बड़ी संख्या में वोट करेंगे। क्या वे 2026 में मुझे वोट देंगे, यह एक और पहलू है।’