नोएडा। नोएडा के 81 गांव के किसानों की मांग को लेकर सोमवार की देर रात नोएडा प्राधिकरण सीईओ डॉ. लोकेश एम ने बड़ा फैसला लिया। भारतीय किसान यूनियन पदाधिकारियों की बैठक बुलाकर स्पष्ट किया कि आगामी बोर्ड बैठक में किसानों के मुआवजा प्रकरण में कई प्रस्ताव लेकर चेयरमैन से अनुमोदन कराने को लेकर जा रहे है।
दस प्रतिशत मुआवजा राशि ली जाएगी वापस
इसमें बड़ा फैसला शामिल है, जिन किसानों ने सौ प्रतिशत मुआवजा उठा लिया है, उनसे दस प्रतिशत मुआवजा राशि प्राधिकरण खाते में वापस डलवाई जाएगी। इसके बाद पांच प्रतिशत का विकसित भूखंड किसानों को दिया जाएगा।
बचे पांच प्रतिशत का अतिरिक्त मुआवजा 22000 रुपये वर्ग मीटर की दर से किसानों को प्राधिकरण जारी करेगा। चूंकि अभी इस प्रक्रिया का कोई भी नियम नोएडा प्राधिकरण में उपलब्ध नहीं था। इसलिए नया प्रविधान लागू करने के लिए यह निर्णय लिया गया है।
22000 रुपये प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से मुआवजा
यही नहीं जो किसान पांच प्रतिशत विकसित भूखंड प्राधिकरण से प्राप्त कर चुके है, लेकिन अतिरिक्त पांच प्रतिशत का मुआवजा प्राधिकरण से लेने के लिए कोर्ट से आदेश करा लाए है, उन्हें भी अतिरिक्त मुआवजा 22000 रुपये प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से नोएडा प्राधिकरण देगा।
इसका प्रस्ताव भी प्राधिकरण की ओर से तैयार कर बोर्ड बैठक में रखा जा रहा है। यही नहीं गांव-गांव किसानों की आबादी निस्तारण करने के लिए सर्वे की कमान ओएसडी स्तर के अधिकारी संभालेंगे। मंगलवार से भूलेख विभाग ओएसडी अरविंद सिंह खुद गांव गांव सर्वे करने जाएंगे, शुरूआत बंदौली व गेझा गांव से होगी।
इस मौके पर भारतीय किसान परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखवीर खलीफा ने कहा कि किसानों के हित में जितने भी निर्णय लिए जाने है, उन्हें जल्द से जल्द आप लें, किसानों को उनका अधिकार दे। लंबे समय से किसान प्राधिकरण से अपना हक लेने के लिए जद्दोजहद कर रहे है।
नोएडा प्राधिकरण की कार्य शैली किसान विरोधी
उधर, भारतीय किसान यूनियन मंच का धरना नोएडा प्राधिकरण कार्यालय के बाहर सोमवार का भी जारी रहा। धरना स्थल पर किसान पंचायत आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता सूरज प्रधान व मंच संचालन रिंकू यादव ने किया। इस दौरान किसानों से बातचीत के लिए उनके बीच एसीपी प्रवीण कुमार सिंह पहुंचे।
यूनियन मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुधीर चौहान ने कहा कि नोएडा प्राधिकरण की कार्यशैली किसान विरोधी है, किसानों को हल्के में लेने की भूलना करें। प्राधिकरण से इस बार किसान अपना हक लेकर ही वापस जाएंगे। इस बार किसान आश्वासनों पर धरना खत्म नहीं करेगा। चाहे धरना कितना भी लंबा क्यों न चलाना पड़े लेकिन किसान पीछे नहीं हटेंगे, लड़ेंगे जीतेंगे अपना हक लेकर रहेंगे। यूनियन मंच के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अशोक चौहान ने कहा कि किसानों को प्राधिकरण ने हमेशा छला है।
अधिकारियों के द्वारा ही किसानों से बार-बार किए गए समझौते पत्रों में साफ-साफ लिखा है कि किसानों का प्राधिकरण पर 5 प्रतिशत और 10 प्रतिशत के भूखंड, वर्ष 1976 से वर्ष 1997 के बीच के किसान कोटे के प्लॉट ,आबादी का संपूर्ण निस्तारण जैसे लाभ प्राधिकरण पर बकाया है। कागज बोल रहा है कि किसान प्रााधिकरण से अपना अधिकार लेकर ही घर वापस लौटेगी। इस बार प्राधिकरण पर किसानों का समाधान होगा या किसानों की समाधि बनेगी।