ग्रेटर नोएडा। कासना पुलिस ने दो दिसंबर 2024 में हुई एक व्यक्ति की हत्या के मामले का पर्दाफाश करते हुए हत्यारोपित बेटे को गिरफ्तार किया है। पुलिस जांच में सामने आया है कि पिता के नाम बीमा की रकम हड़पने व बैंक का कर्ज माफ कराने के लिए बेटे ने ही योजना बनाकर पिता की चाकू से गोदकर हत्या की थी।
हत्यारोपित की पहचान बिहार किशनगंज के गांव बोहरा के संतोष बोसक के रूप में हुई है। आरोपित वर्तमान में बुलंदशहर के बिसवाना गांव में परिवार के साथ रह रहा था। पुलिस ने हत्यारोपित बेटे को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया है।
क्या है पूरा मामला?
एडीसीपी ग्रेटर नोएडा सुधीर कुमार ने बताया कि बिहार के प्रकाश बोसक 20 साल पहले नोएडा आए थे। प्रकाश व उसके बड़े बेटे संतोष ने साल 2022 में प्राइवेट बैंक से साढ़े 12 लाख रुपये का होम लोन लेकर बुलंदशहर में एक घर खरीदा था, जिसकी महीने की किस्त साढ़े 12 हजार रुपये थी।
हर महीने किस्त चुका पाना मुश्किल हो रहा था। संतोष व उसके पिता प्रकाश ने सोचा कि दूसरा लोन ले लेते हैं, जिससे होम लोन भी खत्म हो जाएगा और कुछ पैसे भी मिल जाएगा। दूसरी हाउसिंग फाइनेंस से लगभग 21 लाख रुपये का लोन पास हुआ।
पुराना लोन चुकता होने के साथ ही शेष रकम सात लाख 69 हजार रुपये संतोष ने अपनी फर्म पीएसजी मसाला के बैंक खाते में जमा कर दी। इस लोन पर प्रकाश का जीवन बीमा 60 प्रतिशत का था। लोन की किस्त लगभग 27 हजार रुपये प्रति महीने थी, जो बहुत अधिक थी। शुरू के कुछ महीने तो बैंक किस्त देने में कोई दिक्कत नही हुई ,लेकिन धीरे-धीरे बैंक का पैसा खत्म होने लगा और इनका काम भी ठीक नहीं चल रहा था।
25-25 लाख रुपये के दो जीवन बीमा कराए
संतोष को पता चला कि उसके पिता ने अपने 25-25 लाख रुपये के दो जीवन बीमा कराए हुए हैं, जिसमें उसकी मां नामिनी है। इन जीवन बीमा के बारे में घर में संतोष व उसके पिता के अलावा किसी को नहीं पता था। संतोष ने पिता को मारने की योजना बनाकर जीवन बीमा की 50 लाख रुपये की रकम हड़पने की योजना बनाई।
योजनाबद्ध तरीके से घर से ही सब्जी काटने वाला चाकू अपने बैग में रख लिया और पिता को साथ लेकर दिल्ली चला गया। लौटते वक्त सिकंद्राबाद के गांव बिशवाना के समीप कच्ची सड़क पर ज्वार के खेत के पास स्कूटी रोकी।
पिता लघुशंका करने लगे, तभी पीछे से बैग में रखा चाकू निकालकर हत्या कर दी। पुलिस को शक न हो हत्यारोपित ने अपनी छाती पर भी एक कट का निशान बनाकर अज्ञात व्यक्ति द्वारा चाकू से हमला करने की झूठी कहानी रच डाली।
परिवार के लोगों को नहीं लगने दी बीमा क्लेम मिलने की भनक
हत्या के बाद संतोष ने अपने पिता का मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाया और महज तीन महीने के भीतर 50 लाख रुपये का बीमा क्लेम अपनी मां के खाते में ट्रांसफर करवा लिया।
मृतक के भाई गिरधारी उर्फ गुड्डू व मां को भी पैसे की भनक नहीं लगने दी। बैंक से पिता के नाम पर लोन माफ करवाने के दस्तावेज बताकर मां का अंगूठा लगवाकर बीमा की मिली पूरी रकम अपने खाते में ट्रांसफर करवा ली।