नोएडा शहर के सेक्टर 93 बी के ओमेक्स गैंड सोसाइटी में महिला के साथ अभद्रता की सारी सीमाएं पार करने वाला श्रीकांत त्यागी एक बार फिर चर्चाओं में है। इस बार श्रीकांत त्यागी को चर्चाओं में लाने का कारण बना है सुप्रीम कोर्ट का एक बड़ा फैसला। श्रीकांत की एक अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ी टिप्पणी की है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हिंसा का रास्ता अपनाने वाले को सुरक्षा व्यवस्था के पक्ष दलील देने का कोई अधिकार नहीं है। सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद श्रीकांत त्यागी एक बार फिर मीडिया की सुर्खियां बटोर रहा है।
क्या है नया मामला
दरअसल नोएडा के गालीबाज नेता श्रीकांत त्यागी ने एक गिरोह से अपनी जान को खतरा जताते हुए सुरक्षा की मांग को लेकर हाईकार्ट में याचिका दायर की थी जिसे हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया था। इसके बाद श्रीकांत त्यागी ने सुरक्षा की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। सुप्रीम कोर्ट में लंबी बहस चलने के बाद देश की सर्वोच्च न्यायालय में इस मामले में गंभीर टिप्पणी की है।
कोर्ट कहा कि जिस व्यक्ति ने हिंसा का रास्ता चुना है और उसके पास मानव जीवन का कोई मूल्य नहीं है, उसे यह दलील देने का कोई अधिकार नहीं है कि राज्य सरकार उसके प्रतिद्वंद्वियों से उसके जीवन की सुरक्षा का उपाय करे। जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी और जस्टिस एससी शर्मा की पीठ ने कहा कि वह इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले में हस्तक्षेप करने के इच्छुक नहीं है। पीठ ने कहा, ‘हम भारत के संविधान के अनुच्छेद 136 के तहत यहां दिए गए फैसले में हस्तक्षेप करने के इच्छुक नहीं हैं। अपील की विशेष अनुमति की याचिका खारिज की जाती है। इस फैसले के बाद गालीबाज श्रीकांत त्यागी को करारा झटका लगा है और एक बार फिर वो मीडिया की सुर्खियों में आ गया है।
कब चर्चाओें में आया श्रीकांत त्यागी
वर्ष 2022 के अगस्त महीने में सेक्टर 93 बी के ओमेक्स गैंड सोसाइटी में अवैध अतिक्रमण को लेकर श्रीकांत त्यागी और एक महिला के बीच वाद विवाद का वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें श्रीकांत त्यागी ने महिला के साथ मारपीट तथा गालीगलौज की थी। श्रीकांत के खिलाफ महिला से बदसलूकी, अभद्रता और मारपीट समेत कई धाराओं में मुकदमे दर्ज किए गए थे। पुलिस ने निरोधात्मक कार्रवाई करते हुए गैंगस्टर एक्ट में मुकदमा दर्ज किया था। उसके खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई करके 25 हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया था। आरोपी की गिरफ्तारी मेरठ से हुई थी। श्रीकांत त्यागी को जेल भेजे जाने की घटना को राजनीतिक रंग देने की कोशिश भी की गई थी। फरारी के दौरान त्यागी के घर हुए अवैध अतिक्रमण को नोएडा प्राधिकरण के बुलडोजर ने तोड़ दिया था। गालीबाज श्रीकांत त्यागी को नोएडा पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा था, जहां 72 दिन गुजारने के बाद अक्टूबर 2022 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उसे जमानत दे दी थी।