नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए चेन्नई और पोर्ट ब्लेयर को जोड़ने वाली सबमरीन ऑप्टिकल फाइबर केबल (OFC) का उद्घाटन किया। आज का दिन अंडमान-निकोबार के दर्जनों द्वीपों में बसे लाखों साथियों के लिए तो अहम है ही, पूरे देश के लिए भी महत्वपूर्ण है। नेता जी सुभाषचंद्र बोस को नमन करते हुए, करीब डेढ़ वर्ष पहले मुझे सबमरीन ऑप्टिकल फाइबर केबल कनेक्टिविटी परियोजना के शुभारंभ का अवसर मिला था।
चेन्नई से पोर्ट ब्लेयर, पोर्ट ब्लेयर से लिटिल अंडमान और पोर्ट ब्लेयर से स्वराज द्वीप तक, अंडमान निकोबार के एक बड़े हिस्से में ये सेवा आज से शुरु हो चुकी है। समंदर के भीतर करीब 2300 किलोमीटर तक केबल बिछाने का ये काम समय से पहले पूरा करना,अपने आप में बहुत प्रशंसनीय।
अंडमान-निकोबार को बाकी देश और दुनिया से जोड़ने वाला ये ऑप्टिकल फाइबर प्रोजेक्ट, ईज ऑफ लिविंग के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का प्रतीक है। आज अंडमान को जो सुविधा मिली है, उसका बहुत बड़ा लाभ वहां जाने वाले टूरिस्टों को भी मिलेगा।
आने वाले समय में अंडमान निकोबार, पोर्ट लेड डेवलपमेंट के हब के रूप में विकसित होने वाला है। अंडमान निकोबार दुनिया के कई पोर्टस से बहुत कॉम्पिटिटिव डिस्टेंस पर स्थित है।
नॉर्थ और मिडिल अंडमान की रोड कनेक्टिविटी को मजबूत करने के लिए 2 बड़े ब्रिज और NH-4 के चौड़ीकरण पर तेज़ी से काम हो रहा है। पोर्ट ब्लेयर एयरपोर्ट में एक साथ 1200 यात्रियों को हैंडल करने की कैपेसिटी आने वाले कुछ महीनों में बनकर तैयार हो जाएगी।
ऐसे बिछाई जाती है समुद्र के नीचे केवल
समुद्र में केबल बिछाने के लिए खास तरह के जहाजों का इस्तेमाल होता है। जहाज 2,000 किलोमीटर लंबी केबल ले जाने में सक्षम होते हैं। जहां से केबल बिछाई जाती है, वहां इस उपकरण का इस्तेमाल किया जाता है। यह जहाज के साथ साथ चलता है।
केबल बिछाने के लिए पहले विशेष उपकरण से केबल के लिए जमीन तैयार की जाती है। यहीं से केबल जुड़ी होती है। सिग्नल स्ट्रेंथ बढ़ाने के लिए रिपीटर यूज होता है। जब दो केबल्स को आपस में क्रॉस कराना होता है, फिर से यही प्रक्रिया अपनाई जाती है। जहां केबल खत्म होती है। वहीं, से केबल को उठाकर ऊपर कनेक्टिंग पॉइंट पर जोड़ते हैं।