गाजियाबाद। साइबर अपराध के एक मामले में विजयनगर थाना क्षेत्र से गाजियाबाद पुलिस को जानकारी दिए बिना एक व्यक्ति को गुजरात ले जाने के मामले में कोर्ट के आदेश पर विजयनगर पुलिस ने गुजरात पुलिस के चार पुलिसकर्मियों समेत नौ के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। इसमें गुजरात सूरत के साइबर क्राइम सिटी थाने के एएसआइ पृथ्वीराज बघेल, एसआई यूएम महाराज, हेड कांस्टेबल इंद्रजीत सिंह, कांस्टेबल कौशिक व पांच अन्य को आरोपित बनाया गया है।
जानकारी दिए बिना युवक को ले गई गुजरात पुलिस
पीड़िता मोनिका अग्रवाल का आरोप है कि गुजरात पुलिस उनके पति को 25 दिसंबर की रात करीब एक बजे अपने साथ ले गई थी। आरोप है कि उनके पति को विजयनगर थाने में लाकर पीटा गया और इसके बाद पुलिस उन्हें बिना जानकारी दिए लेकर चली गई। सूरत पुलिस 75 लाख रुपये की ठगी के मामले में सिम से मिले लिंक को खोजती हुई विजयनगर पहुंची थी।
महिला पुलिसकर्मियों को लेकर नहीं आई थी पुलिस
विजयनगर पुलिस को जानकारी देकर पुलिस पुराना विजयनगर में देवेंद्र गुप्ता के घर पहुंची। देवेंद्र को घर से उठाया गया और विरोध करने पर स्वजन से मारपीट की गई। आरोप है कि घर में महिलाओं के होने के बाद भी पुलिस अपने साथ महिला पुलिसकर्मियों को नहीं लेकर आई। देवेंद्र को घर से उठाने के बाद उनके साथ मारपीट की गई।
उन्होंने गुजरात में दर्ज एफआईआर दिखाने को कहा तो वह भी उन्हें नहीं दिखाई गई। रात भर वह सड़कों पर भटकती रहीं और सुबह थाने पहुंची तो उनके पति थाने पर नहीं मिले। मोनिका के अधिवक्ता भवनीश भोला का कहना है कि थाने में हुई पिटाई के बारे में पुलिस से सीसीटीवी फुटेज मांगी गई तो पुलिस ने कैमरे खराब होने की बात कही।
कोर्ट का दरवाजा खटखटाने पर दर्ज की रिपोर्ट
मामले में मोनिका अग्रवाल ने पुलिस से शिकायत की थी, लेकिन पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। बाद में पीड़िता ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया तो कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज की। एसीपी कोतवाली अंशु जैन का कहना है कि कोर्ट के आदेश पर रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। मामले में जांच की जा रही है। जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।