नई दिल्ली। विदेश से गिफ्ट भेजने के बहाने लोगों से ठगी करने वाले गिरोह का भांडाफोड़ हो गया है। इस गिरोह के 5 ठगों को साइबर थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इन 5 ठगों में से 3 विदेशी नागरिक है। विभिन्न इंटरनेट मीडिया के जरिए दोस्ती के बाद ठग विदेश से गिफ्ट भेजने के बहाने अलग-अलग मदों में लोगों से पैसों की मांग कर ठगी करते थे। पुलिस को शक है कि बीते पांच सालों में गिराेह करीब 500 लोगों को शिकार बना करोड़ों रुपए ऐंठ चुका है।
डीसीपी मध्य जिला श्वेता चौहान के मुताबिक गिरफ्तार किए आरोपितों के नाम इसाक चुकवुमा ओकोरी, ओफोसु, साई मैथ्यू, कमल कुमार व लालरिमवी है। इनमें तीन आरोपित नाइजीरिया के रहने वाले हैं। इनके पास से 11 मोबाइल, 29 सिमकार्ड, दो लैपटाप, एक डोंगल, तीन पैन ड्राइव जब्त किए गए हैं। साथ ही कई बैंक खातों में मौजूद साढ़े तीन लाख रुपए फ्रीज करा दिए गए हैं।
ऐसे करते थे ठगी-
पुलिस के मुताबिक हाल ही में इस गिरोह का शिकार पीड़ित महिला एक सरकारी अस्पताल में डाक्टर है। उन्होंने शिकायत में बताया कि 29 जून को इंस्टाग्राम पर पार्क पीटरसन ने उनसे संपर्क किया था। उसने खुद को अमेरिकी एयरलांइस में पायलट होने व लंदन में रहने की बात कही थी। वाट्स एप नंबर लेकर वह उनसे बात करने लगा। कुछ समय बाद उसने कहा वह कि वह जुलाई में भारत आ रहा है।
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25 जुलाई को उसने काल कर बताया कि वह मुंबई एयरपोर्ट पर आ गया है। इसके बाद उससे उनके लिए गिफ्ट लाने के लिए कस्टम ड्यूटी और अन्य चार्ज के बहाने 19 लाख से ज्यादा रुपए ऐंठ लिए। पीड़िता की शिकायत पर साइबर सेल थाने में ठगी का केस दर्ज कर लिया गया। जांच के दौरान पुलिस ने बैंक खाते को खंगाला, जिसमें पीड़िता ने रकम ट्रांसफर की थी। विभिन्न बैंक खातों की डिटेल हासिल की गई।
ठग के मोबाइल की सीडीआर का भी विश्लेषण किया गया, जिसके जरिए पीड़िता से बात की गई थी। जांच में यह बात सामने आई कि यह गिरोह बड़ी संख्या में लोगों के साथ ठगी कर चुका है। जिसके बाद थानाध्यक्ष चेतन्य अभिजीत की टीम ने 15 दिसंबर को पहले उतम नगर से कमल कुमार को पकड़ा। उससे पूछताछ के बाद चार अन्य आरोपित को तिलक नगर से गिरफ्तार कर लिया गया।
आरोपितों से हुई पूछताछ
आरोपितों ने पूछताछ में बताया कि वे इंटरनेट मीडिया पर फर्जी अकाउंट बनाते थे फिर उन्हें दोस्ती के लिए रिक्वेस्ट भेजते थे। जो लोग उनके झांसे में आ जाते थे उनके वाट्स एप नंबर लेकर बात करने लगते थे। इसके बाद विदेश से गिफ्ट भेजने के बहाने लोगों को शिकार बनाते थे।
गिरोह का एक सदस्य पीड़ित को काल कर खुद को एयरपोर्ट ऑफिसर या कस्टम अफसर बनकर भेजे गए पार्सल में डालर या पाउंड होने की बात करता था। उस पार्सल के एवज में पीड़ित से अलग अलग बहाने से रकम ऐंठ ली जाती थी। यह गिरोह देशभर के लोगों को अपना शिकार बना चुका है।
ठगी की रकम को आरोपित बैंक के एटीएम से निकाल नाईजीरिया भेज देते थे। पुलिस ने इनकी गिरफ्तारी से फिलहाल दो केस सुलझाने का दावा किया है। गिरफ्तार नाइजीरियाई में दो 2017 से अवैध रुप से भारत में रह रहे थे।